सेना के पहलवान सतेंदर मलिक ने मंगलवार को राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान हारने के बाद मैच रेफरी के साथ मारपीट की. इसके बाद भारतीय कुश्ती महासंघ ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है. 125 किलोग्राम फाइनल ट्रायल में हार के बाद सतेंदर ने रेफरी जगबीर सिंह पर हमला कर दिया. वायु सेना के पहलवान सतेंदर मलिक एक निर्णायक मुकाबले में केवल 18 सेकंड में हार गये.
जब मुकाबले का 18 सेकेंड बचा था तब दूसरे पहलवान मोहित ने सतेंदर मलिक को ‘टेक-डाउन’ कर दिया और मैच से बाहर धकेल दिया. हालांकि रेफरी वीरेंद्र मलिक ने मोहित को ‘टेकडाउन’ के लिए दो अंक नहीं दिये और पुशआउट के केवल एक अंक दिया. मोहित ने फैसले को चैलेंज किया और बाउट के जूरी सत्यदेव मलिक ने खुद को फैसले से बाहर कर लिया, क्योंकि वे सतेंदर के गांव के थे.
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सीनियर रेफरी जगबीर सिंह से आग्रह किया गया कि वे चुनौती पर गौर करें और फैसला दें. टीवी रीप्ले की मदद से जगबीर सिंह ने मोहित को टेक-डाउन के दो अंक दिये और दोनों पहलवानों के अंक 3-3 बराबर हो गये. अंत तक स्कोर में कोई बदलाव नहीं हुआ और अंत के अंक अर्जित करने वाले मोहित को विजेता घोषित कर दिया गया. इसके बाद सतेंदर अपना आपा खो बैठे.
गुस्से में सतेंदर मलिक मैट ए तक चले गये, जहां रवि दहिया और अमन 57 किग्रा फाइनल में भिड़ रहे थे. सतेंदर सीधे जगबीर सिंह के पास गये और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. उसने पहले जगबीर को गाली दी और फिर थप्पड़ जड़ दिया. अचानक हुए इस हमले से रेफरी जगबीर सिंह अपना संतुलन खो बैठे और जमीन पर गिर पड़े. इस घटना के बाद आईजी स्टेडियम में हंगामा खड़ा हो गया.
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इस तरह का नजारा देखकर सैकड़ों प्रशंसक, अधिकारी और प्रतिभागी हैरान रह गये. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अधिकारियों ने सतेंदर को किसी प्रकार हॉल से बाहर भेजा और मुकाबला फिर से शुरू किया गया. मंच पर बैठे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की नजरों के ठीक सामने सब कुछ हो रहा था. डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि हमने सतेंद्र मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगाया है. यह फैसला डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने लिया है.