Loading election data...

साहिबगंज में 36 घंटे बाद हुई इंटरनेट सेवा बहाल, डीसी ने की शांति बनाये रखने की अपील

साहिबगंज में करीब 36 घंटे के बाद इंटरनेट सेवा बहाल की गई है. रात लगभग 9 बजे जिले में इंटरनेट सेवा शुरू की गई. बता दें कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीसी रामनिवास ने इंटरनेट सेवा बंद कर दिया था. जिले में इंटरनेट सेवा बहाल होते ही लोगों ने राहत की सांस ली.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2023 9:24 AM

साहिबगंज जिले में करीब 36 घंटे के बाद इंटरनेट सेवा बहाल की गई है. रात लगभग 9 बजे जिले में इंटरनेट सेवा शुरू की गई. बता दें कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीसी रामनिवास ने इंटरनेट सेवा बंद कर दिया था. जिले में इंटरनेट सेवा बहाल होते ही लोगों ने राहत की सांस ली. वहीं, साहेबगंज में शांति बहाली को लेकर मंगलवार को डीसी रामनिवास यादव व एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा के नेतृत्व में सद्भावना मार्च निकाला गया. सद्भावना मार्च में सैकड़ों की संख्या में शहर के प्रबुद्ध लोग शामिल हुए थे. पूरे शहर में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में हैं भाई-भाई का नारा गूंजते रहा. शहर पुलिस छावनी में तब्दील रहा था.

बता दें कि शहर के पटेल चौक में धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ व झड़प की घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई से स्थिति सामान्य रही. मंगलवार की सुबह एसडीपीओ प्रदीप उरांव के नेतृत्व में कई पुलिस पदाधिकारियों ने क्षेत्र का भ्रमण किया. देवघर के दो, पाकुड़ के एक डीएसपी सहित जिले के सभी डीएसपी, इंस्पेक्टर व थाना प्रभारी सहित सभी दंडाधिकारी प्रत्येक चौक-चौराहे पर तैनात रहे. सुरक्षा व्यवस्था में जिला बल, जैप के जवान, आइआरबी, सैप जवान, दमकल वाहन, व्रजवाहन आदि तैनात दिखे, ताकि कोई भी अप्रिय घटना से सख्ती से निबटा जा सके. डीसी ने सभी से आपसी भाईचारे को बनाये रखने व प्रशासन का सहयोग करने का आग्रह किया. वहीं एसपी ने कहा कि जिले में अमन-चैन बना रहे, लोग आपसी भाईचारे के साथ पर्व-त्योहार मनायें.

बता दें कि मंगलवार को भी इंटरनेट सेवा बंद रखा गया. लगातार लगभग 36 घंटे से इंटरनेट सेवा बंद रहने से जिले में इंटरनेट से होने वाला कार्य पूरी तरह से बंद रहा. पैसे का ऑनलाइन लेन-देन नहीं हुआ. ऑनलाइन कार्य भी पूरी तरह से ठप रहा. टिकट बनाने के लिए लोगों को टिकट काउंटर पर आना पड़ा. इंटरनेट के बिना लैपटॉप, एंड्रायड मोबाइल, कंप्यूटर मानो डब्बा बन गया था. इंटरनेट रहने पर लोगों के हाथ से मोबाइल छूटता नहीं था. इंटरनेट बंद रहने से घरों में मोबाइल टेबल, बेड पर रखा हुआ रहा. फोन कॉल आने पर ही मोबाइल का उपयोग किया. जिले के लोग सोशल मीडिया से बीते 36 घंटा से दूर हैं. वहीं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं होने से छोटे बड़े व्यापारियों, दुकानदारों को करोड़ों का नुकसान हुआ. ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों की पढ़ाई बीते 36 घंटे से नहीं हो पा रहा है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

Next Article

Exit mobile version