आखिरकार लंबे इंतजार के बाद इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन (इंटक) 11वें जेबीसीसीआइ में शामिल कर लिया गया. सुप्रीम कोर्ट में ददई गुट की एसएलपी खारिज होने के बाद गुरुवार को कोल इंडिया प्रबंधन ने फेडरेशन को 11वें जेबीसीसीआइ में शामिल किये जाने का पत्र जारी किया. कोल इंडिया के निदेशक (पीएंडआइआर) तथा मेंबर सेक्रेटरी जेबीसीसीआइ-11 विनय रंजन द्वारा जारी पत्र में कलकत्ता हाइकोर्ट की डबल बेंच के उस आदेश का जिक्र किया गया है, जिसमें फेडरेशन को जेबीसीसीआइ में शामिल करने का आदेश जारी किया गया था.
पत्र के मुताबिक बेरमो विधायक सह फेडरेशन के अध्यक्ष जयमंगल सिंह, सेक्रेटरी जनरल एसक्यू जामा, सौभाग्य प्रधान, बी जनक प्रसाद मुख्य सदस्य और एके झा, चंडी बनर्जी, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, गोपाल नारायण सिंह वैकल्पिक सदस्य होंगे. इधर, गुरुवार को अनूप सिंह और एसक्यू जामा ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि 10वें वेतन समझौता के अनसुलझे मुद्दों के पूरी तरह अमल में लाने एवं कोयला मजदूरों की क्षमता व तपस्या के अनुरूप अच्छा से अच्छा वेतन समझौता-11 कराने का प्रयास किया जायेगा.
साथ ही, हजारों आउटसोर्स, काॅन्ट्रैक्ट, एजेंसी मजदूरों को भी उचित वेतन, सामाजिक सुरक्षा एवं नौकरी की सुरक्षा दिलाने का प्रयास होगा. 2015 में मौसम विज्ञान के विश्वस्तरीय समझौते से उत्पन्न होने वाली परिस्थिति से कोयला मजदूरों एवं खदान समुदाय पर होने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर भी समाधानकारक चर्चा की जायेगी.
बताते चलें कि आपसी विवाद व कोर्ट के आदेश के कारण इंटक 10वें जेबीसीसीआइ से बाहर थी. 14 सितंबर 2016 को दिल्ली हाइकोर्ट ने ददई गुट की ओर से दायर याचिका-8152/2016 पर सुनवाई के बाद इंटक के जेबीसीसीआइ में शामिल होने पर रोक लगा दी थी. कोयला कर्मियों का 10वां वेतन समझौता बिना इंटक के ही हुआ था.
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