भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन को केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव 45 दिनों के भीतर कराने का निर्देश दिया है. इसके लिए आईओए एक तदर्थ समिति गठन करने की प्रक्रिया में जुट गया है. इसके इतर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जैसे पहलवान महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक बार फिर जंतर-मंजर पर धरने पर बैठ गये हैं. पहलवानों ने इस मुद्दे पर राजनीति किये जाने का आरोप लगाया है.
पिछली बार जब पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह को हटाने और उनके खिलाफ जांच की मांग की थी तब खेलकूद और युवा कार्य मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति बनायी थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. जनवरी में महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर बैठने के तीन महीने बाद पहलवान जंतर-मंतर लौट आये और WFI अध्यक्ष और संस्था के अन्य कोचों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये. पहलवानों ने दावा किया कि उनसे किये गये वादे पूरे नहीं किये गये और आश्वासन के बावजूद उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं.
Also Read: Wrestler Protest: प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर FIR दर्ज नहीं करायेगा WFI, बृजभूषण शरण सिंह ने किया ट्वीट
चूंकि कुश्ती भी ओलंपिक खेल का हिस्सा है, सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ को पत्र लिखकर 45 दिनों के अंदर एक कार्यकारी समिति का चुनाव कराने के लिए कहा है. साथ ही वर्तमान में महासंघ के कार्यों को देखने के लिए एक तदर्थ समिति के गठन की बात भी कही है. पत्र में कहा गया है कि यह अनुरोध किया जाता है कि आईओए द्वारा डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति के गठन के 45 दिनों के भीतर चुनाव कराने और डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए अस्थायी समिति या तदर्थ समिति का गठन करे.
प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों ने अपने समर्थन के लिए अपने बुजुर्गों और खाप पंचायत सदस्यों को धन्यवाद कहा. विनेश फोगाट ने एक वीडियो में कहा कि हम अपने सभी बुजुर्गों और खाप पंचायत सदस्यों को धन्यवाद देना चाहते हैं, जो पिछली बार भी हमारे साथ विरोध करने और हमारा समर्थन करने आये थे. हमारे साथ जो राजनीति की गयी और उसकी वजह से हमसे जो गलतियां हुईं, उसके लिए हम माफी मांगते हैं. हमें खेद है कि आप हमारा समर्थन करने आये और हमारे साथ खड़े रहे और हमने जल्दबाजी में विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया.