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IRCTC में नौकरी के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र, झांसे में झारखंड, बिहार, यूपी समेत कई राज्यों के बेरोजगार युवा

युवक को आइआरसीटीसी के एक तथाकथित अधिकारी ने निगम के कैरेज एंड वैगन डिपार्टमेंट में ‘ट्रेनी सुपरवाइजर’ के पद पर भर्ती कराने का झांसा दिया है. याद रहे कि आइआरसीटीसी में इस प्रकार का कोई डिपार्टमेंट नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 19, 2021 7:37 AM

मनोहर कुमार, धनबाद: बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों के बेरोजगार युवाओं को भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) में नौकरी दिलाने का फर्जीवाड़ा चल रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में रोजगार का संकट बढ़ने का फायदा ठग उठा रहे हैं. ऐसे तत्व बेरोजगारों को अपना निशाना बना कर मोटी रकम की उगाही कर रहे हैं. युवाओं को आइआरसीटीसी के अलग-अलग ऑफिसों में नियत तिथि को सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन और रिपोर्टिंग करने के लिए बुलाया जा रहा है.

युवक ट्रेनिंग और वेरिफिकेशन के नाम पर भटक रहे हैं. ताजा मामला धनबाद से जुड़ा है. बिहार के पूर्णिया जिला का रहनेवाला एक युवक ऐसे ही गिरोह के चक्कर में फंसा है. इस युवक को आइआरसीटीसी के एक तथाकथित अधिकारी ने निगम के कैरेज एंड वैगन डिपार्टमेंट में ‘ट्रेनी सुपरवाइजर’ के पद पर भर्ती कराने का झांसा दिया है. याद रहे कि आइआरसीटीसी में इस प्रकार का कोई डिपार्टमेंट नहीं है. पद ग्रुप सी का बताया गया है.

युवक की मानें तो दो महीने पूर्व परीक्षा ली गयी थी. यह परीक्षा कहां ली गयी और एडमिट कार्ड कहां है, की बाबत पूछे जाने पर युवक कुछ नहीं बता सका. जब धनबाद स्थित आइआरसीटीसी के एरिया मैनेजर प्रवीण कुमार से इस बारे में बात की गयी तो वह पहले चौंके, फिर कहा कि ऐसे फर्जी लोग नाहक बेरोजगार युवकों को परेशान कर रहे हैं.

धनबाद में बताया है रजिस्टर्ड ऑफिस

आइआरसीटीसी के अधिकारी की मानें तो कुछ ठग किस्म के लोग फर्जी वेबसाइट बनाकर पर आम जनता को बेवकूफ बना रहे हैं. आइआरसीटीसी में ट्रेनी सुपरवाइजर, टीटीइ, बुकिंग क्लर्क आदि की नौकरी के नाम पर उनसे ठगी की जा रही है. अधिकारी का कहना है कि अभी आइआरसीटीसी में कोई नौकरी नहीं है. अगर कोई नौकरी के लिए वैकेंसी निकाली भी जायेगी तो वह सिर्फ आइआरसीटीसी की साइट, अखबार तथा रोजगार समाचार पत्र के माध्यम से निकाली जायेगी. उन्होंने कहा कि लोग ठगी से बचें.

आइआरसीटीसी इस्ट जोन के नाम से मेल

रोजगार तलाश रहे युवाओं को आइआरसीटीसी इस्ट जोन कोलकाता के मेल से ऑफर लेटर भेजा गया है. इसमें कैंडिडेट्स की प्रोफाइल शॉर्टलिस्ट करने और उन्हें धनबाद स्थित आइआरसीटीसी के रजिस्टर्ड ऑफिस में 16 सितंबर से 21 सितंबर के बीच रिपोर्टिंग करने को कहा गया है. जानकारी के मुताबिक, सिर्फ धनबाद ही नहीं, बल्कि इस तरह के मेल के झांसे में आकर युवा आइआरसीटीसी के अलग-अलग ऑफिसों में पहुंच रहे हैं.

खास बातें

  • झारखंड, बिहार तथा यूपी समेत अन्य राज्यों के बेरोजगार युवा आ रहे झांसे में

  • एक युवक को मिले मेल में धनबाद में बताया गया है रजिस्टर्ड ऑफिस

  • सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन, रिपोर्टिंग तथा ट्रेनिंग के लिए धनबाद बुलाया

  • लेटर में तय जगह का उल्लेख नहीं

  • आइआरसीटीसी के अधिकारी ऐसी किसी वैकेंसी से कर रहे इंकार

क्या लिखा है ऑफर लेटर में

‘डीयर कैंडिडेट्स, बधाई! आपकी प्रोफाइल कैरेज एवं वैगन डिपार्टमेंट में ट्रेनी सुपरवाइजर पद के लिए शॉर्टलिस्ट की गयी है. आप डॉक्यूमेंटेशन और रिपोर्टिंग के लिए धनबाद स्थित रजिस्टर्ड ऑफिस में 16 सितंबर से 21 सितंबर के बीच पहुंचे. आप अपने साथ शैक्षणिक प्रमाण पत्र, केवाइसी डॉक्यूमेंट, चरित्र प्रमाण पत्र के अलावा सक्षम प्राधिकार से जारी कोविड फिटनेस प्रमाण पत्र जरूर लायें.’ ऑफर लेटर का यह मेल पांच सितंबर को भेजा गया है.

फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंच रहे युवक

आइआरसीटीसी में नियुक्ति का फर्जी ऑफर लेटर लेकर कई युवक धनबाद रेल मंडल मुख्यालय में भटक रहे हैं. लेकिन यहां आकर उन्हें योगदान स्थल का अता-पता नहीं चल रहा है. सूत्रों की मानें तो आइआरसीटीसी में नौकरी के लिए पहले रजिस्ट्रेशन के बदले बेरोजगार युवकों से अच्छी-खासी रकम ली गयी है. बेरोजगारों से कहा गया कि नियुक्ति पत्र आने पर बाकी का पैसा भी देना होगा. नियुक्ति पत्र देते समय भी ठग लाखों रुपए वसूल रहे हैं.

वैकेंसी पूरी तरह फर्जी है. युवा इस तरह के बहकावे में न आयें. जालसाजों से बचें. ऐसे किसी गिरोह के बारे में आइआरसीटीसी अथवा रेलवे को सूचित करें.

प्रवीण कुमार, एरिया मैनेजर, आइआरसीटीसी

यह मामला आइआरसीटीसी से संबंधित है, इसलिए इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारी ही कुछ कह सकते हैं. धनबाद डिवीजन से किसी प्रकार की वैकेंसी जारी नहीं की गयी है. न ही किसी प्रकार की बहाली प्रक्रिया चल रही है. रेलवे में रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड के माध्यम वैकेंसी जारी होती है.

पीके मिश्रा, पीआरओ, धनबाद रेल मंडल

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Posted by: Pritish Sahay

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