बरेली. भारतीय रेल (इंडियन रेलवे) के इतिहास में ओडिशा के बालासोर में बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है. इसमें करीब 300 लोगों की मौत होने की बात सामने आई है, जबकि 1000 से अधिक यात्री घायल हुए हैं. इनका इलाज चल रहा है. इसमें रेलवे को बड़ा नुकसान हुआ है. हालांकि, मृतकों के परिजनों को सरकार ने 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. मगर, जिन यात्रियों का ट्रेन ट्रैवल ट्रेन इंश्योरेंस है. उनको रेलवे के बजाय बीमा कंपनियां आर्थिक मदद (इंश्योरेंस) देती हैं. लेकिन यह सुविधा ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर मिलती है.
इंश्योरेंस लेने की व्यवस्था वैकल्पिक होती है. यानी, आप चाहें तो ट्रैवल इंश्योरेंस ले सकते हैं. मगर, कोई यात्री ट्रेन टिकट बुक कराते समय ट्रैवल इंश्योरेंस लेता है. दुर्भाग्यवश वह हादसे का शिकार होता है, तो इंश्योरेंस क्लेम के रूप में पैसेंजर की मौत, और स्थाई रूप से अपंग होने पर 10 लाख रुपये, आंशिक रूप से विकलांग होने पर 7.50 लाख, और घायल होने पर अस्पताल में इलाज के लिए 2 लाख रुपये मिलते हैं. आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक ट्रेन हादसे को रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 123, 124 और 124A के तहत रखा गया है.
दुनिया के हर सफर में दुर्घटना (एक्सीडेंट) का खतरा बना रहता है. इसलिए ट्रेन ट्रैवल इंश्योरेंस की सुरक्षा बहुत जरूरी होती है. लेकिन, भारत में ज्यादातर लोग इसकी अनदेखी करते हैं. हालांकि, ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन एक्सीडेट के बाद यात्रा बीमा के महत्व को समझना बहुत जरूरी है.
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आईआरसीटीसी (इंडियन कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) की वेबसाइट से आप ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक करते हैं, तो टिकट बुकिंग के दौरान ट्रैवल इंश्योरेंस लेने का विकल्प मिलता है. इसकी कीमत सिर्फ 35 पैसे होती है. अगर, आप इस विकल्प को चुनते हैं, तो आपको यात्रा के दौरान 10 लाख रुपये की बीमा सुरक्षा मिलती है. यात्री सिर्फ 35 पैसे चुकाकर 10 लाख की बीमा सुरक्षा का फायदा उठा सकते हैं.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली