Kanpur News: लखनऊ से दिल्ली वाया कानपुर चलने वाली तेजस एक्सप्रेस 16 से 18 नवंबर के बीच रोजाना दो घंटे से अधिक देरी से आ रही है. यात्रियों को तय समय पर गंतव्य तक नहीं पहुंचा पाने पर आईआरसीटीसी को 6400 से ज्यादा यात्रियों को 16.87 लाख रुपए हर्जाना देना पड़ा है. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कैटरिंग कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के अधीन चलने वाली तेजस एक्सप्रेस लेट होती है तो यात्रियों के सांत्वना राशि के तौर पर हर्जाना देने का नियम है. एक घंटा लेट होने पर 100 रुपए और दो घंटे से अधिक देरी होने पर अधिकतम 250 रुपए सांत्वना राशि देनी होती है. मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक आईआरसीटीसी के मुताबिक 16 से 18 नवंबर तक 6400 से ज्यादा यात्री दिल्ली, कानपुर और लखनऊ देरी से पहुंचे. इस वजह से इन यात्रियों को 16.87 लाख बैंक खातों में भेजा जा रहा है. देश की यह पहली रेल होगी, जिसमें लेट होने पर सांत्वना राशि के रूप में हर्जाना मिलता है.
भारतीय रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक तेजस एक्सप्रेस लेट होने पर ऑनलाइन टिकट की बुकिंग कराने वाले यात्रियों को मोबाइल नंबर पर लिंक भेजा जाता है. उस पर क्लिक कर डिटेल भरनी होती है. 72 घंटे के भीतर सांत्वना राशि उस बैंक खाते में चली जाती है, जिसके जरिए टिकट बनवाने का भुगतान किया गया है.मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक आईआरसीटीसी अजीत सिन्हा का कहना है कि लखनऊ से दिल्ली वाया कानपुर चलने वाली तेजस एक्सप्रेस 16 नवंबर से लगातार लेट चल रही है. इसकी वजह यह थी कि दिल्ली रूट पर एक ट्रेन में आग लग गई थी. नियमानुसार आईआरसीटीसी क्लेम तो देगा ही, बशर्ते लिंक पर क्लेम करें.
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कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर शनिवार को दिवाली मनाकर लौटने वालों की खासी भीड़ रही. अब तक इन यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे 78 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चला चुका है. स्पेशल ट्रेनें अधिकतर गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से होकर गुजर रही हैं. कानपुर से दिल्ली, मुंबई, जोधपुर, जयपुर, अहमदाबाद, सूरत आदि शहरों को जाने वाली ट्रेनों में भीड़ दिखी. दिवाली बाद दिल्ली और मुंबई की वापसी करने वालों का लोड शनिवार से सोमवार तक जारी रहेगा. रविवार, सोमवार और मंगलवार की सुबह तक श्रमशक्ति, कानपुर शताब्दी, सियालदह के किसी भी क्लास में सीटें नहीं हैं.