UP News : SP MLA इरफान सोलंकी कानपुर में भू माफिया घोषित, करीबी पार्षद मन्नू सहित तीन पर गैंगस्टर एक्ट
सीसामऊ विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक इरफान सोलंकी पर आगज़नी और फर्जी आधार कार्ड समेत कई मामलों में कानूनी शिकंजा कसा हुआ है. कानपुर प्रशासन उन संपत्तियों की खोज कर रहा है जो उन्होंने अथवा उनके गुर्गों ने लोगों को डरा- धमकाकर खरीदी हैं.
कानपुर: समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी को भू माफिया घोषित कर दिया गया है. वे सीसामऊ विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक है. आगज़नी और फर्जी आधार कार्ड समेत कई मामलों में कानूनी शिकंजा कस दिया गया है. हाल ही में गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी नौ करोड़ की संपत्ति जब्ती की कार्यवाही शुरू की गयी है. विधायक के तीन सहयोगी पर भी गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है. इससे पहले सपा विधायक के भाई रिजवान सोलंकी का नाम जिला उन्नाव में भू माफिया की लिस्ट में शामिल हो चुका है.
पार्षद मन्नू रहमान,मुरसलीन और हाजी अज्जान की संपत्ति की खोज
कानपुर जिला प्रशासन नए सिरे से उन लोगों को चिह्नित कर रहा है जो विवादित संपत्तियों को खरीदने और बेचने के अवैध कारोबार में शामिल है.संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि सपा विधायक पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गयी है. उनकी संपत्ति को सीज करने की कार्रवाई शुरू ही चुकी है.भू माफिया की लिस्ट में भी शामिल किया गया है.आनंद प्रकाश तिवारी के मुताबिक गैंगस्टर की कार्रवाई उन लोगों पर होती है जो विवादित संपत्तियों को खरीदते और बेचते है.इसी के तहत गैंगस्टर एक्ट में पार्षद मन्नू रहमान,मुरसलीन खान और हाजी अज्जान के नाम बढ़ाये गए हैं.इनकी संपत्ति को भी खोजा जा रहा है.
विधायक के भाई का नाम उन्नाव के बाद कानपुर की भू माफिया सूची में
कानपुर प्रशासन ने नई भू माफिया लिस्ट में उन्नाव के बाद यहां भी सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी को शामिल किया गया है. इसके साथ विधायक के गुर्गों को भी भू माफिया सूची में शामिल किया गया है. अगले एक दो दिनों में पूरी सूची तैयार हो जाएगी.पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 50-60 नाम भू माफिया सूची में शामिल किए गए हैं.नई भू माफिया सूची में रिजवान के अलावा पुलिस ने नूरी शौकत के पिता शौकत पहलवान, इसराइल आटेवाला, मोहम्मद शरीफ, अज्जन, पार्षद मन्नू रहमान और पूर्व पार्षद मुर्सलीन उर्फ भोलू का नाम भी शामिल किया है.पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सभी के खिलाफ सबूत मिले है कि यह विवादित सम्पत्तियों को औने पौने दामों में खरीदकर उस पर कब्जा करते थे. वहां रहने वाले लोगों को डरा धमका कर सम्पत्ति को खाली करा लेते थे.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी