Isko Cave In jharkhand: अगर आप झारखंड और बिहार के रहे वाले हैं और आपको भारत के प्राचीन इतिहास, संस्कृति के बारे में जानना है तो इसके लिए आप झारखंड में मौजूद इसको गुफा जाने का प्लान बना सकते हैं. यह गुफा हजारों साल पुराना बताया जाता है. इस गुफा का इतिहास भी काफी पुराना है. आइए जानते हैं विस्तार से.
विश्वप्रसिद्ध मध्यपाषाण कालीन इसको गुफा झारखंड के हजारीबाग जिला के बड़कागांव नापोकला पंचायत में स्थित है. यहां पर वैसे तो दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं. इस गुफा की सभ्यता को दामोदर घाटी सभ्यता का नाम दिया गया है.
इसको गुफा के छत के नीचे विशाल गुफा है. जो करीब 6 एकड़ में फैला है. शैलदीर्घा में बनाए गए चित्र के अनुसार यहां कभी सूर्य मंदिर हुआ करता था. जिसकी स्तंभ यहां पाया गया है. इस गुफा की ऊंचाई 30 फीट है. इरमें 5 इंच व्यास का एक छेद है. जो 12 इंच गहरा है.
Also Read: नेपाल और भूटान घूमने का बना रहे हैं प्लान तो आधार नहीं इन आईडी का करें इस्तेमाल, वरना लौटा दिए जाएंगेइसको गुफा के बारे में बताया जाता है कि इसका इस्तेमाल बादम के राजा किया करते थे. जब राजा की शादी हुई तब उन्होंने रानी के साथ यहां हनीमून मनाया था. इस गुफा के आस पास के चट्टानों पर आज के दौर में भी कोहबर कला देखा जा सकता है. हालांकि अब चट्टानों पर उकेरी गई कोहबर कला भी धीरे-धीरे नष्ट हो रही है.
आपको बताते चलें कि हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में स्थित इसको गुफा की खोज सितंबर 1991 को बूलू इमाम ने की थी. फिलहाल इस गुफा के शैल दीर्घा में उकेरी शैलचित्र का अस्तित्व मिट रहा है. हालांकि यह जगह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. यहां जगह योग और मेडिटेशन के लिए बेस्ट है.
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