झारखंड में आम लोगों के लिए घर बनाना हुआ मुश्किल
कई घरों का निर्माण कार्य ठप हो गया है और इससे जुड़े धंधे भी चौपट हो गये हैं. हाल यह है कि छड़, सीमेंट, सेनेटरीवेयर सहित अन्य सामग्री की मांग घट गयी है.
अब झारखंड में घर बनाना मंहगा हो गया है. बालू के महंगा हो जाने से कई घरों का बजट बिगड़ गया है. कई घरों का निर्माण कार्य ठप हो गया है और इससे जुड़े धंधे भी चौपट हो गये हैं. हाल यह है कि छड़, सीमेंट, सेनेटरीवेयर सहित अन्य सामग्री की मांग घट गयी है. बालू महंगा मिलने से कई लोगों ने घरों का काम रोक दिया है. वहीं बिल्डरों को भी खासी परेशानी हो रही है. कई बिल्डर महंगी बालू लेने के लिए मजबूर हैं. उनका कहना है कि प्रोजेक्ट को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है. समय पर ग्राहकों को फ्लैट नहीं दिया गया, तो झारेरा की ओर से कार्रवाई होगी. जो लोग हिम्मत जुटा कर काम करा रहे हैं, उन्हें महंगी कीमत पर बालू की खरीदारी करनी पड़ रही है. मोंगिया स्टील के निदेशक गुणवंत सिंह मोंगिया ने कहा कि वर्तमान में छड़ की मांग लगभग 50 प्रतिशत घट गयी है. सामान्य दिनों में हर माह झारखंड में लगभग 10,000 टन कंपनी के छड़ की मांग रहती थी. वर्तमान में यह घट कर आधी हो गयी है. यही हाल सीमेंट का भी है. सीमेंट के कारोबार में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट आयी है.