पश्चिम बंगाल में एक दिसंबर यानि कल से सभी यात्री वाणिज्यिक वाहनों (कमर्शियल कार) में अनिवार्य रूप से ट्रैकिंग डिवाइस लगाना होगा. परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अगर किसी वाहन में यह उपकरण नहीं है, तो उसे फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा. यहां तक कि वाहन परमिट का भी नवीनीकरण नहीं होगा.
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यात्रियों को कार की तेज रफ्तार से बचाने व हर चीज पर नियंत्रण रखने के लिए परिवहन विभाग ने वाणिज्यिक कार के क्षेत्र में नये कदम उठाये हैं. राज्य सरकार ने यात्री वाहनों सहित सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिए ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया है. परिवहन विभाग की ओर से नयी गाइडलाइंस जारी की गयी है. यह एक प्रकार का जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम है. यदि किसी वाहन पर आपराधिक गतिविधि का आरोप लगाया जाता है, तो इस उपकरण की सहायता से उस वाहन की पहचान करना संभव होगा. इसके अलावा, अगर कोई कार दुर्घटनाग्रस्त होती है, तो पुलिस और परिवहन विभाग को यह आसानी से पता चल जायेगा. नतीजतन, मौके पर जल्दी पहुंचना और यात्रियों को बचाना संभव होगा.
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इस संबंध में परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने बताया कि अगर हर वाहन में कार ट्रैकिंग डिवाइस लग जाये, तो दुर्घटना होने पर तुरंत उसे ट्रैक किया जा सकता है. वाहनों की आवाजाही पर नजर रखी जा सकेगी. अपराधी भी तुरंत पकड़ा जा सकता है. राज्य परिवहन विभाग के अनुसार, 2018 से पहले पंजीकृत ज्यादातर वाणिज्यिक वाहनों में यह ट्रैकिंग डिवाइस नहीं है. नयी गाइडलाइंस के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक ऑटो या टोटो को छोड़ कर सभी कमर्शियल वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य है. ऑटो या टोटो के मामले में अगले साल 31 दिसंबर तक का समय है.
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