Lyricist Abhilash Death: दिग्गज गीतकार अभिलाष का कैंसर से निधन, ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ से मिली थीं पहचान
Lyricist Abhilash Death: पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह द्वारा कलाश्री अवार्ड से सम्मानित सिने गीतकार अभिलाष का निधन हो गया. 74 वर्षीय अभिलाष कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे. मध्यरात्रि में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. अभिलाष ने इतनी शक्ति हमें देना दाता, इक नदिया, सावन को आने दो और चांद जैसे मुखड़े पर जैसे गीत रचे थे. उन्होंने लगभग 28 फिल्मों में और तकरीबन 50 धारावाहिकों में गीत लिखे.
Lyricist Abhilash Death: पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह द्वारा कलाश्री अवार्ड से सम्मानित सिने गीतकार अभिलाष का निधन हो गया. 74 वर्षीय अभिलाष कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे. मध्यरात्रि में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. अभिलाष ने इतनी शक्ति हमें देना दाता, इक नदिया, सावन को आने दो और चांद जैसे मुखड़े पर जैसे गीत रचे थे. उन्होंने लगभग 28 फिल्मों में और तकरीबन 50 धारावाहिकों में गीत लिखे.
‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’
गीतकार अभिलाष का विश्व प्रसिद्ध गीत ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ हिंदुस्तान के 600 विद्यालयों में प्रार्थना गीत के रूप में गाया जाता है. संगीतकार कुलदीप सिंह ने इस गीत को एन चंद्रा की फ़िल्म अंकुश (1985) के लिए संगीतबद्ध किया था. फ़िल्म हिट हुई। गीत संगीत भी हिट हुआ. विश्व की आठ भाषाओं में इस गीत का अनुवाद हो चुका है.
गीतकार अभिलाष का असली नाम
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि, बॉलीवुड में मेरा पहला गीत लता मंगेशकर की आवाज में रिकॉर्ड हो रहा था. गीत ‘सांझ भई घर आजा पिया’ की रिकॉर्डिंग खत्म हुई तो बात आई कि इसके गीतकार के लिए क्या नाम लिखा जाए. मेरा असली नाम ओमप्रकाश है, मगर यह नाम वहां मौजूद म्यूजिक डायरेक्टर महावीरजी को पसंद नहीं आया. उन्होंने कहा कुछ और नाम बताओ. जिसके बाद वहां मौजूद किसी साथी ने अभिलाष कहा और मैंने भी हामी भर दी. तब से ही ओमप्रकाश अभिलाष के नाम से फेसम होता गया.
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इस तरह लिखा था ये गाना
गीतकार अभिलाष ने बताया था, फिल्म ‘अंकुश’ का गीत ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ गीत के लिए मुझे मेहनत नहीं करना पड़ी. इस गीत को लिखने में भी करीब दो महीने लग गए. पर मैं इस गीत को ‘दाता’ की नैमत मानता हूं. जब भी मैं सिचुएशन के हिसाब से गीत लिखता था वह खारिज हो जाता था. तब मेरे दोस्त ने मेरी हौसलाअफ्जाई की और एक दिन गाड़ी में बैठे-बैठे मुझे कुछ शब्द याद आए और इस गीत का मुखड़ा बन गया.
गीतकार अभिलाष का जन्म 13 मार्च 1946 को दिल्ली में हुआ. दिल्ली में उनके पिता का व्यवसाय था. वे चाहते थे कि अभिलाष व्यवसाय में उनका हाथ बटाएं. लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ. छात्र जीवन में बारह साल की उम्र में अभिलाष ने कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं. मैट्रिक की पढ़ाई के बाद वे मंच पर भी सक्रिय हो गए. उनका वास्तविक नाम ओम प्रकाश है. उन्होंने अपना तख़ल्लुस ‘अज़ीज़’ रख लिया. ओमप्रकाश’ अज़ीज़’ के नाम से उनकी ग़ज़लें, नज़्में और कहानियां कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं.