कभी किसी ने सोचा भी नहीं था कि साउथ की फिल्में इतना बिजनेस करेंगी- जावेद जाफरी

ज़ी फाइव पर वेब सीरीज नेवर किस योर बेस्ट फ्रेंड का दूसरा सीजन दस्तक दे चुका है. इस वेब सीरीज में अभिनेता जावेद जाफरी भी अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2022 7:14 PM

ज़ी फाइव पर वेब सीरीज नेवर किस योर बेस्ट फ्रेंड का दूसरा सीजन दस्तक दे चुका है. इस वेब सीरीज में अभिनेता जावेद जाफरी भी अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं. ओटीटी माध्यम,टीवी से पुराने जुड़ाव से लेकर कई मुद्दों पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…

एक्टर के तौर पर ओटीटी माध्यम को किस तरह पाते हैं

ओटीटी बहुत ही रोमांचक जोन है.कई कहानियां हम बोल सकते हैं.जो फिल्मों के माध्यम में हम नहीं बोल पाते हैं.वहां पर हमारे हाथ बंधे हैं।कहानी का जो हीरो है.वो 18 से 30 के बीच होगा.वो गाना गाएगा. रोमांस करेगा.फाइट करेगा.ओटीटी मार्केट के प्रेशर से मुक्त है तो यहां कहानी ही हीरो है. जिसका चेहरा कोई भी हो सकता है 15 साल का बच्चा और 55 साल का बुड्ढा भी.वेब सीरीज एक किताब की तरह होती है जिसे आप कभी भी पढ़ सकते हैं.आपका मन हो चार पेज पढ़ लो आज फिर बाद में बाकी के पेज.

ओटीटी से कितने अच्छे ऑफर्स आपको मिल रहे हैं

जितने माध्यम बढ़ते हैं.उतना कंटेंट की मांग बढ़ जाती हैं और उतना ही ज़्यादा एक्टर को काम मिलने लगता है.मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है. मेरे लिए महत्वपूर्ण है काम करते रहना।ऐसा नहीं है कि कुछ भी कर लो लेकिन हाँ अच्छी टीम और अच्छे लोगों के साथ काम करना है.आनेवाले प्रोजेक्ट्स में हॉटस्टार की स्केप लाइव ,एक फ़िल्म कर रहा हूं जादूगर. एक दो वेब सीरीज पर भी बात चल रही है.

क्या ओटीटी प्लेटफार्म जावेद जाफरी को उसका ड्यू दे रहा है

( हँसते हुए ) ड्यू के साथ तो फिर दमन भी होता है.वैसे मुझे अच्छे ऑफर्स मिल रहे हैं लेकिन और अच्छे की उम्मीद है जिसमें सेंट्रल किरदार करने का मौक़ा मिले. खासकर मुख्य किरदार ।वैसा कुछ आफर हो तो खुशी होगी.

नेवर किस योर बेस्ट फ्रेंड में आपके साथ कई युवा एक्टर्स हैं नयी पीढ़ी के एक्टर्स पर आपकी क्या राय है?

पीढ़ी को पीढ़ी ही रहने दें.उसको पीड़ा ना बनाएं. हर पीढ़ी में कुछ ना कुछ खूबियां होती ही हैं।हमें नयी पीढ़ी से भी कुछ ना कुछ सीखना चाहिए क्योंकि हम पीछे का सोचते हैं वो आगे का. दोनों को मिलाकर आगे बढ़े तो सबकुछ बेहतरीन होगा.

आप उन एक्टर्स में से रहे हैं जो फिल्मों से टीवी में गए थे उस फैसले को कैसे याद करते हैं

मेरा कैरियर 1985 में शुरू हुआ था. 85 से 94 तक मैं फिल्में कर रहा था. जो भी चल रहा था वो ठीक ठाक था 94 में मैंने चैनल वी जॉइन किया तो लोगों ने कहा कि ये प्रोफेशनल सुसाइड है भाई . उस वक़्त फ़िल्म का बंदा अगर टीवी में गया मतलब फ़िल्म का करियर खत्म. मैंने ये सब नहीं सोचा।मैं नए दर्शकों से जुड़ना चाहता था.जो इंटरनेशनल कल्चर और म्यूजिक से जुड़ने वाला था. मैं टीवी में अपनी शुरुआत को लेकर बहुत पॉजिटिव था. हुआ भी वही सभी ने उस शो को बहुत सराहा सिर्फ आम दर्शक ही नहीं बल्कि इंडस्ट्री के लोग भी.

बूगी वूगी शो से सफलता की एक नयी कहानी लिखी थी क्या आप अभी के डांस शो को फॉलो करते हैं?

कभी कभी देख लेता हूं कुछ आ रहा होता है तो. हम जब बूगी वूगी लेकर आए थे तो दुनिया में वैसा शो नहीं था. मैं ये बात ऐसे ही नहीं बल्कि रिसर्च करके बोल रहा हूं.चाइना में था या नहीं ये गारंटी के साथ नहीं कह सकता लेकिन अमेरिका,लंदन में इस किस्म का रियलिटी शो नहीं था. जिसमें हर हफ्ते कुछ ना कुछ बदलते रहता था.कभी बच्चे,कभी मम्मी, कभी ग्रुप किसी डांस रियलिटी शो में नहीं था.हम स्क्रिप्ट नहीं लिखते थे।दिल में जो।आया वो बोल दिया. आज तो कंटेस्टेंट की कहानी ज़्यादा दिखाते हैं . मां परेशान है तो तुरंत ले लो अरे आपको उसका डांस दिखाना है ना कि उसके घर की कहानी.ये सब मुझे बनावटी लगता है. साथ ही मुझे डांस भी कमोबेश एक से ही लगते हैं.

ओटीटी के बूम को देखते हुए चर्चा शुरू है कि यह फिल्मों के लिए चुनौती बन सकता है

फ़िल्म और फ़िल्म स्टार्स का जो पलड़ा है वो ओटीटी और टीवी स्टार्स से मुकाबले मुझे भारी लगता है. सिनेमा देखना अभी एक इवेंट की तरह है. वहां आप पॉज करके वॉशरूम या किचन नहीं जा सकते हैं. जब आपको 100 प्रतिशत अटेंशन किसी चीज़ को दे रहे हैं तो उसके मायने अपने आप बढ़ जाती है.

ओटीटी ना ही सही साउथ की फिल्में तो बॉलीवुड के लिए चुनौती बन गयी हैं

हां,कभी सोचा भी नहीं था कि साउथ की फिल्में इतना बिजनेस करेंगी.दर्शक उनकी फिल्में पसंद कर रहे हैं.उनको मतलब नहीं उन्हें कौन बना रहा है. साउथ वालों का जो फार्मूला है।वो ओल्ड स्कूल वाला है.80 के दशक वाला. हिंदुस्तान में भइया हमको हीरो चाहिए. 50 लोगों को एक साथ मारेगा.महिलाओं की रक्षा करेगा.मासेस हीरो को ही चाहती है.उसूल और आदर्श से भी कोम्प्रोमाईज़ करते हैं अगर उन्हें बुराई के खिलाफ खड़ा होना है.यही साउथ की फिल्में दिखा रही हैं और लोगों को पसंद आ रही हैं.

बेटे मिजान के साथ कोई फ़िल्म करने की प्लानिंग है?

नहीं अभी तो कुछ नहीं,उसका कैरियर अभी शुरू ही हुआ है और बढ़ेगा इंशाअल्लाह. उसके पास चार फिल्में हैं. उसकी शूटिंग चालू हैं.पहुँचेगा किसी स्तर पर मौका होगा तो साथ काम भी करेंगे.

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