Jagannath Rath Yatra 2021 : झारखंड में रथ यात्रा पर कोरोना का साया, सादगी से हुई भगवान जगन्नाथ की पूजा
Jagannath Rath Yatra 2021, खरसावां/बड़कागांव/लोहरदगा (शचिंद्र कुमार दाश/संजय सागर/गोपी कुंवर ) : झारखंड में लगातार दूसरी बार प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा पर कोविड-19 का असर देखा गया. खरसावां में लगातार दूसरी बार प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकली. सिर्फ पूजा अर्चना कर धर्मिक रस्मों को निभाया गया. खरसावां में भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के विग्रहों को राजवाड़ी स्थित श्रीमंदिर से बड़-दांडों में लाकर पूजा अर्चना की गयी. हजारीबाग व लोहरदगा में भी सादगी से जगन्नाथ की पूजा की गयी.
Jagannath Rath Yatra 2021, खरसावां/बड़कागांव/लोहरदगा (शचिंद्र कुमार दाश/संजय सागर/गोपी कुंवर ) : झारखंड में लगातार दूसरी बार प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा पर कोविड-19 का असर देखा गया. खरसावां में लगातार दूसरी बार प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकली. सिर्फ पूजा अर्चना कर धर्मिक रस्मों को निभाया गया. खरसावां में भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के विग्रहों को राजवाड़ी स्थित श्रीमंदिर से बड़-दांडों में लाकर पूजा अर्चना की गयी. हजारीबाग व लोहरदगा में भी सादगी से जगन्नाथ की पूजा की गयी.
सीमित संख्या में पुरोहितों ने हवन-पूजन कर आरती उतारी. इसके बाद पुरोहित व सेवायतों ने सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन करते हुए तीनों विग्रहों को कंधे में लेकर गुंडिचा मंदिर तक पहुंचाया. इस दौरान छेरा-पोहरा की रश्म को निभाया. इस दौरान भक्तों की संख्या भी नगण्य थी. मंदिर के पूजारी व आयोजन समिति के कुछ सदस्यों ने सभी रश्म को पूरा किया. पुजारी से लेकर सभी भक्त फेस मास्क लगाये हुए थे. सेनिटाइजर का भी उपयोग किया गया. गुंडिचा मंदिर में भी बारी बारी से पूजा अर्चना की गयी. यहां नौ दिनों तक प्रभु जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ विश्राम करेंगे. इसके पश्चात एक जुलाई को पुन श्रीमंदिर वापस लौटेंगे. मालूम हो कि यहां राजा-राजवाड़े के समय से ही रथ यात्रा का आयोजन होते आ रहा है.
खरसावां के हरिभंजा स्थित प्रभु जगन्नाथ के प्रसिद्ध मंदिर में इस वर्ष सादगी के साथ प्रभु जगन्नाथ की घोष यात्रा संपन्न हो गयी. इस वर्ष न तो भक्तों का समागम देखा गया और न ही भव्य रथ यात्रा निकली. सोमवार की सुबह मंदिर के चंद सेवायतों ने सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए मंदिर के अणसर गृह से प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन की प्रतिमा को मंदिर परिसर स्थित मंडप में ला कर पूजा अर्चना की. पूजा के दौरान प्रभु जगन्नाथ को तुलसी माला व फूल माला पहना कर श्रृंगार किया गया. साथ ही चतुर्था मूर्ति की आरती उतारी गयी. इसके बाद जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव ने चंदन छिड़क कर व झाड़ू लगाकर छेरा पोंहरा के रस्म को निभाया.
Also Read: Municipal Elections In Jharkhand : 41 हजार से अधिक वोटर चुनेंगे चक्रधरपुर नगर परिषद अध्यक्ष व 23 वार्ड पार्षदहजारीबाग के बड़कागांव में कोरोना महामारी को लेकर इस बार ऐतिहासिक यात्रा रथ यात्रा एवं पूजा सादगीपूर्वक की गयी. इस बार भी कोरोना के लेकर मेले का आयोजन नहीं हुआ, हालांकि विधिवत पूजा-अर्चना बड़कागांव के राम जानकी मंदिर में की गई. भक्तों के लिए मंदिर का कपाट सुबह 6:00 बजे खोल दिया गया था. मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा लोगों से कोविड 19 के नियमों का पालन करने के लिए आह्नान किया गया था, लेकिन पूजा करने के दौरान भक्तों की भीड़ देखी गई. दिनभर पूजा-अर्चना लोग करते रहे. बारिश के बीच पूजा अर्चना की गयी.
Also Read: रांची में इस वर्ष भी नहीं निकली रथयात्रा, CM हेमंत सोरेन पहुंचे जगन्नाथ मंदिर, पूजा कर मांगी माफीभक्तों ने देर शाम तक भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा को रथ में सवार कर रथ को खींचकर मौसी बाड़ी पहुंचाया. विधि व्यवस्था में चिंतामणि महतो, धर्मचंद महतो, पदुम महतो, विशेश्वर महतो पिंटू गुप्ता, संतोष ठाकुर, कीर्तन महतो, रूप छाया स्टूडियो के स्टूडियो के दीपक महतो, तापेश्वर कुमार तापस, शंकर कुमार, हुलास महतो ,इंग्लेश सोनी आदि ने मुख्य भूमिका निभाई. राम जानकी मंदिर के पास मेला तो नहीं लगी, लेकिन मेले की तरह चहल-पहल खूब रही.
Also Read: झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के पैतृक गांव के लिए हुईं रवाना, CM हेमंत सोरेन ने किया विदालोहरदगा जिले में रथयात्रा शांतिपूर्ण ढंग से निकाली गयी. पारंपरिक रथ के बजाय भगवान को वाहन से मौसी बाड़ी तक पहुंचाया गया. कोविड संक्रमण को देखते हुए लोगों ने पुरी सावधानी बरती. पूजा अर्चना के बाद भगवान को मौसी बाड़ी पहुंचाया गया. लोहरदगा शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी सादगी से पूजा अर्चना की गयी. हर वर्ष लगने वाला मेला भी कहीं नहीं लगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra