Jagannath Rath Yatra 2023: जगन्नाथ रथ यात्रा इस दिन, नोट करें डेट और जानें इसका महत्व
Jagannath Rath Yatra 2023: भगवान जगन्नाथ रथयात्रा इस साल 20 जून से शुरू होगी. वहीं 21 जून को यात्रा की समाप्ति होगी. आइए जानते हैं कि इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा कब शुरू हो रही है और इसका महत्व क्या है?
Jagannath Rath Yatra 2023: जगन्नाथ रथ यात्रा का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है. भगवान जगन्नाथ रथयात्रा इस साल 20 जून से शुरू होगी. वहीं 21 जून को यात्रा की समाप्ति होगी. इस रथयात्रा का आयोजन ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है. आइए जानते हैं कि इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा कब शुरू हो रही है और इसका महत्व क्या है?
जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 प्रारंभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा का प्रारंभ आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि से होता है. पंचांग के आधार पर इस साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारंभ 19 जून को दिन में 11 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है और यह तिथि 20 जून को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक मान्य है. उदयातिथि के आधार पर आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि 20 जून को है, इसलिए जगन्नाथ रथ यात्रा का प्रारंभ 20 जून से होगा. भगवान जगन्नाथ गुंडीचा मंदिर जाएंगे.
जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 डेट और टाइम
यह यात्रा हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकाली जाती है. जो कि इस साल 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 20 जून को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार रथ यात्रा महोत्सव 20 जून 2023 को मनाया जाएगा.
जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 समापन
भगवान जगन्नाथ जी, बलभद्र और सुभद्रा जी के रथ पुरी मंदिर के पास आ जाते हैं. सुना बेसा, अधर पना और नीलाद्री बिजे रस्में होती हैं. 1 जुलाई शनिवार को नीलाद्री बिजे रस्म के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा का समापन हो जाएगा. नीलाद्री बिजे रस्म में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी को श्रीमंदिर के गर्भ गृह में सिंहासन पर विराजमान कराया जाता है.
यात्रा का महत्व
हिन्दू धर्म में जगन्नाथ रथ (Jagannath Rath Yatra 2022) यात्रा का बहुत बड़ा महत्व है. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रथयात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर पहुंचाया जाता हैं, जहां भगवान 7 दिनों तक विश्राम करते हैं. इसके बाद भगवान जगन्नाथ की वापसी की यात्रा शुरु होती है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पूरे भारत में एक त्योहार की तरह मनाई जाती है.