Jagannathpur Rath Yatra Ranchi: झारखण्ड की राजधानी रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर में श्री जगन्नाथ मंदिर हिंदुओं का प्रसिद्ध व ऐतिहासिक मंदिर है. यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. जगन्नाथपुर के इस मंदिर से हर साल आषाढ़ माह में निकलने वाली भव्य रथ यात्रा उत्सव काफी प्रसिद्ध है. इसमें भारी संख्या में भक्त व श्रद्धालु शामिल होते हैं. यहां विशाल मेला लगता है, इस मेले में सभी प्रकार की समानें उपलब्ध होती हैं. कहा जाए तो जो सामान बाजार में भी उपलब्ध नहीं हो पाती वह भी यहां मिल जाती है. मेला लगभग 7 से 10 दिनों तक रहात है. इस मंदिर में प्रतिदिन पूजा अर्चना होती रहती है.
इस वर्ष जगन्नाथपुर मंदिर, रांची से रथ यात्रा एक जुलाई को निकाली जाएगी. दो साल बाद इस बार सार्वजनिक पूजा व रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आम लोग भी शामिल हो सकेंगे. जगन्नाथपुर के मुख्य मंदिर से मौसीबाड़ी के लिए रथ यात्रा निकलेगी. इस बीच कई दुकानें सज गई हैं. कई तरह के झूले भी लगे हुए हैं. बता दें प्रभु जगन्नाथ का रथ 40 लाख की लागत में 25 फीट उंचा बनाया गया है. इस रथ को बनाने के लिए पूरी से विशेष कारीगर मंगाए आये थे.
प्रभु जगन्नाथ 16 दिनों के अज्ञातवास में रहने के बाद गुरुवार यानी आज शाम में प्रभु अपने भाई बालभद्र व बहन सुभद्रा के साथ दर्शन देंगे. वहीं शाम 4:30 बजे नेत्रदान होगा. बता दें नेत्रदान के बाद शाम 5 बजे प्रभु को स्नान मंडप में लाया जाएगा. उसके बाद स्तुति और मंगल आरती होगी व भोग लगाया जाएगा.
कोरोना संक्रमण के कारण दो साल से रथयात्रा नहीं निकल पाई थी और इस बार भी स्थगित कर दी गई. भव्य तरीके से नहीं लेकिन सरल और छोटे रूप में मेला लगाया गया है. इससे व्यापारियों तथा श्रद्धालुओं ने काफी निराशाजनक भाव देखने को मिला. इस उत्सव में 600 से 800 दुकानें लगा करती थी जिससे व्यापारियों को काफी मुनाफा होता था. इस रथयात्रा में दूर-दूर से लोग पहुंचकर शामिल हुआ करते थे.
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जगन्नाथपुर रांची का यह मंदिर धार्मिक सहिष्णुता और समन्वय का अद्भुत उदाहरण है. श्री जगन्नाथ के इस मंदिर का निर्माण पहाड़ी पर किया गया है जिसकी ऊंचाई लगभग 80-90 मीटर है. यह अल्बर्ट एक्का चौक से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसका निर्माण करीब 350 साल पूर्व सन् 1691 ई ० में नागवंशी राजा ठाकुर एनी नाथ शाहदेव ने किया था. इस मंदिर को पुरी के जगन्नाथ मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है.