जयपाल सिंह मुंडा की जयंती: झारखंड अलग राज्य आंदोलन का केंद्र था दियांकेल,क्रांति बगीचा में बनती थी रणनीति
Jharkhand News: क्रांति बगीचा में जयपाल सिंह क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अलग राज्य के आंदोलन की रणनीति बनाया करते थे. दियांकेल गांव झारखंड अलग राज्य आंदोलन का केंद्र था.
Jharkhand News: झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता जयपाल सिंह मुंडा अलग राज्य के आंदोलन की आवाज बुलंद करने तोरपा भी आते थे. उनकी यादें तोरपा से भी जुड़ी हुई हैं. 1946 में तोरपा प्रखंड के दियांकेल गांव स्थित आम बगीचा में झारखंड अलग राज्य की मांग को लेकर उन्होंने बड़ी सभा की थी. इसके बाद इस बगीचा का नाम क्रांति बगीचा रखा गया था. जयपाल सिंह क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अलग राज्य के आंदोलन की रणनीति बनाया करते थे. दियांकेल गांव झारखंड अलग राज्य आंदोलन का केंद्र था.
खूंटी जिले के दियांकेल गांव के रहने वाले झारखंड आंदोलनकारी सुसारन तोपनो बताते हैं कि इस सभा में कई जिलों के लोग आये थे. जयपाल सिंह के बाद एनई होरो यहां पर सभा कर झारखंड आंदोलन की आवाज बुलंद किया करते थे. दियांकेल में आदिवासी महासभा का कार्यालय था. आदिवासी महासभा का कार्यालय दियांकेल गांव स्थित स्व. जोहान तोपनो के मकान में था. यहीं पर जयपाल सिंह क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अलग राज्य के आंदोलन की रणनीति बनाया करते थे. बाद में यह झारखंड पार्टी का कार्यालय बन गया. वर्तमान में इस मकान में स्व. जोहान तोपनो का पोता सुसारन तोपनो सपरिवार रहते हैं. वे बताते हैं कि जयपाल सिंह अक्सर यहां आया करते थे. आंदोलन के क्रम में एनई होरो ने तो यहां पर कई रातें भी बिताई हैं.
दियांकेल गांव के बिल्कन तोपनो बताते हैं कि उनके पिता बेंजामिन तोपनो झारखंड पार्टी के तत्कालीन प्रखंड सचिव थे. उनके पिता बताते थे कि दियांकेल गांव झारखंड अलग राज्य आंदोलन का केंद्र था. जयपाल सिंह यहां आकर जोहन तोपनो(दियांकेल), संतोष तोपनो(बड़रु टोली) आदि कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रणनीति बनाते थे.
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रिपोर्ट: सतीश शर्मा