Jharkhand News: रामगढ़ में गरजे जयराम महतो, लोगों से कहा- जरूरत पड़ी तो किडनी बेच देना, लेकिन जमीन नहीं
शहीद निर्मल महतो की जयंती मौके पर रामगढ़ के चितरपुर में जमकर गरजे जयराम महतो. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिस तरह झारखंड की खनिज संपदा कीमती है, उसी तरह यहां की जमीन भी अनमोल है. इसलिए किसी कीमत पर अपनी जमीन दूसरों का न दें.
Jharkhand News: रामगढ़ जिला अंतर्गत चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के सांडी स्थित डीएवी ग्राउंड में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति द्वारा रविवार को शहीद निर्मल महतो की जयंती सह क्रांतिकारी युवा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि युवा टाइगर जयराम महतो शामिल हुए. उन्होंने शहीद निर्मल महतो के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इसके बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह झारखंड की खनिज संपदा कीमती है, उसी तरह यहां की जमीन भी अनमोल है. इसलिए अगर जरूरत पड़ी, तो किडनी बेच देना, लेकिन अपीन जमीन नहीं बेचना.
किसी कीमत पर स्थानीय भाषा को लुप्त होने नहीं दें
जयराम महतो ने कहा कि झारखंड बनाने के लिए यहां के हजारों लोगों ने कुर्बानी दी. राज्य के विकास के नाम पर जमीन भी दिये, लेकिन स्थानीय लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिला. आज जितने भी बड़े-बड़े भवन बने है, वह सब गैर झारखंडियों का है. यहां बाहरी भाषा के लागू होने से स्थानीय भाषा लुप्त हो जायेगा. एक कहावत है कि जिसका भाषा भुला जायेगा, उसका दिशा भी भुला जायेगा. 22 वर्षों से झारखंड के लोग गूंगा बनकर बैठे हैं क्योंकि बड़े पदों पर बाहरी लोग आसीन है.
झारखंड में शुरू से ही साजिश रचा जा रहा
उन्होंने कहा कि निर्मल दा के शहादत से झारखंड समेत पूरा दिल्ली कांप गया था. अंग्रेजों ने पश्चिम बंगाल व बिहार में लोगों को गुलाम बनाया, लेकिन झारखंड घुसते ही अंग्रेजों को तीर धनुष और भाले से खदेड़ दिया गया. इसलिए यहां के इतिहास को भी याद रखिये. यहां के उद्योग धंधे में बाहरी लोग काम कर रहे हैं. यहां के लोग दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. झारखंड में शुरू से ही साजिश रचा जा रहा है. झारखंड के राजनेता गंदी राजनीति कर रहे है. झारखंड में बाप-बेटा हो या फिर मौसा-भतीजा अगर ये अच्छे से काम करते, तो मुझे यहां आना नहीं पड़ता.
झारखंड में नौकरी के नाम पर लूट
जयराम महतो ने कहा कि झारखंड में नौकरी के नाम पर लूट हुई है. वर्ष 2004 में शिक्षक बहाली में पूरे भारत में डीएलएड की मांग थी, लेकिन झारखंड में साजिश के तहत बीएड की मांग की गयी थी. जिस कारण उस समय 80 फीसदी यूपी और बिहार के लोगों को नौकरी मिली थी. आज झारखंड 22 वर्ष के बाद भी सभी क्षेत्रों में अतिक्रमण का दंश झेल रहा है. इसके अलावे कार्यक्रम को विकास महतो, संतोष टिडुआर, रवि कुमार, त्रिभुवन महतो सहित कई ने संबोधित किया.
20 क्रांतिकारी युवाओं को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के क्रांतिकारी 20 युवाओं को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया. साथ ही जिले के कई विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत की. कार्यक्रम की अध्यक्षता जगेश्वर महतो नागवंशी एवं संचालन संतोष बसरियार ने की. मौके पर माथुर महतो, आनंद महतो, मुरारी महतो, सूरज महतो, गिरीशंकर महतो, बिहारी महतो, राजेंद्र बेदिया, हरीश महतो, देवानंद महतो, सुधीर महतो, शिव कुड़मी, राजेंद्र महतो, उपेंद्र कुमार, चंद्रदेव महतो, प्रभु महतो, विनोद महतो, सेवालाल महतो सहित कई शामिल थे.
रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार, रजरप्पा, रामगढ़.