झारखंड : पाकुड़ में जल, जंगल, जमीन के संरक्षण के लिए जल यात्रा शुरू, लोगों को जागरूक करने की कोशिश
पाकुड़ में जल, जंगल, जमीन के संरक्षण के लिए पांच दिवसीय जल यात्रा की शुरुआत हुई. इसका उद्देश्य जनमानस बनाते हुए जल संरक्षण पर जोर देना है. साथ ही , ग्राम प्रधानों को जल संरक्षण के लिए एक मंच प्रदान करना है. यह जल यात्रा आठ पंचायतों के 64 गांव से गुजरेगा.
Jharkhand News: झारखंड विकास परिषद की ओर से पांच दिवसीय जल यात्रा का शुभारंभ पाकुड़ के अमडापाड़ा प्रखंड प्रांगण से किया गया. इस दौरान बीडीओ दिवेश कुमार द्विवेदी, बीइइओ श्रीनाथ ठाकुर, एसआइ प्रेमचंद, सीडीपीओ बॉबी कुमारी ने हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. संस्था के सचिव सुभाषिनी सोरेन ने कहा इस जल यात्रा का उद्देश्य जल, जंगल, जमीन, जानवर एवं जल संरक्षण को लेकर जनमानस सहमति बनाना व जल संरक्षण पर जोर देना है. साथ ही ग्रामीण, पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों को जल संरक्षण के लिए एक मंच प्रदान करना है. जल संरक्षण के लिए माहौल तैयार करना ही इस जल यात्रा का उद्देश्य है.
पर्यावरण को अनुकूल बनाने के लिए जल संरक्षण जरूरी : बीडीओ
बीडीओ ने कहा कि पर्यावरण का दुष्परिणाम मिट्टी कटाव, जल संकट, पेड़ों की जोरों से कटाई और समय बारिश न होना यह सब पर्यावरण के खतरे को इंगित करता है. इसलिए हमलोगों को पर्यावरण को अनुकूल बनाने के लिए जल संरक्षण जरूरी है.
पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर सभी का प्रयास जरूरी : सोमनाथ मुखर्जी
सोमनाथ मुखर्जी ने कहा जब तक हम लोग मिलकर पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर प्रयास नहीं करेंगे तब तक पानी का संकट हम लोगों को झेलना होगा. कहा जल संरक्षण किसी एक की समस्या नहीं है यह पूरे समुदाय की समस्याएं. इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पूरे समुदाय को आगे आना होगा.
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आठ पंचायतों के 64 गांव से गुजरेगा जल यात्रा
वहीं, मनोरंजन सिंह ने बताया कि जल यात्रा अमडापाड़ा प्रखंड के छह पंचायत एवं महेशपुर प्रखंड के आठ पंचायतों कुल 64 गांव से गुजरेगा, जहां जगह-जगह पर नुक्कड़ नाटक, जनसभा का संबोधन होगा. जल यात्रा का समापन सात अप्रैल को महेशपुर के नरगी टोला में होगा. मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि यात्रा प्रखंड कार्यालय से फतेहपुर, झूमरचीर, निपनिया, अंबाजोड़ा, जितको होते हुए सालपत्तरा में समापन संध्या को होगा.