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जलपाईगुड़ी हादसा: दुर्गा विसर्जन के दौरान 8 की मौत, केंद्र ने की मुआवजे की घोषणा, डीएम अस्पताल पहुंचीं

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई है वहीं कई लोग लापता है.स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.केंद्र सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा की गई है. डीएम अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से भेंट कर उनका हाल-चाल ले रही है .

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. मूर्ति विसर्जन के दौरान माल नदी में अचानक आयी बाढ़ की वजह से 8 लोग उसमें बह गये. सभी की मौत हो गयी. 20-25 लोग अभी भी लापता हैं. लापता लोगों की तलाश में प्रशासन की उदासीनता से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. हादसे की चपेट में आये कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिला की डीएम अस्पताल पहुंचीं और पीड़ितों का हालचाल जाना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राज्य विधानसभा के विरोधी पक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर इस घटना को शर्मनाक घटना बताते हुए शोक जताया है. गुरुवार सुबह से ही प्रशासनिक स्तर पर बैठक हो रही है.

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जलपाईगुड़ी  हादसे में  बड़ा खुलासा

जलपाईगुड़ी में हुए इस हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है. माल नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान जब जल का स्तर बढ़ रहा था, तब घाट पर सिर्फ आठ सुरक्षाकर्मी मौजूद थे. हालांकि, उस वक्त घाट पर हजारों लोग मौजूद थे. सिविल डिफेंस के जवानों ने बताया है कि हादसे से निबटने के लिए सुरक्षाकर्मियों के पास रस्सी के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं था. इस हादसे में मूर्ति विसर्जन के दौरान डूबने से 8 लोगों की मौत हो गयी.

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जलपाईगुड़ी हादसा: दुर्गा विसर्जन के दौरान 8 की मौत, केंद्र ने की मुआवजे की घोषणा, डीएम अस्पताल पहुंचीं 4
लोगों का अरोप- घाट पर नहीं था बचाव अभियान का सामान

स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि माल नदी का मार्ग बदल दिया गया है. घटना के दौरान घटनास्थल पर कोई बचाव दल नहीं था. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हमने बताया था कि जलस्तर बढ़ रहा है. उसके बाद भी मूर्तियों का विसर्जन जारी था. अगर समय रहते विसर्जन को रोक दिया जाता, तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता. जानकारी के अनुसार, बचाव अभियान का सारा सामान घाट पर न होकर, फ्रंट ऑफिस में रखा गया था. दुर्घटना के बाद सबसे पहली चीज जो आपको चाहिए, वह सर्चलाइट है, लेकिन तब सर्चलाइट घाट पर नहीं थी. ऑफिस से सर्चलाइट मंगवाई गयी और तब जाकर बचाव अभियान शुरू किया गया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे पर जताया दु:ख

इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दु:ख जताया है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘जलपाईगुड़ी में मूर्ति पूजा के दौरान हुई दुर्घटना से मैं आहत हूं. हादसे में मारे गये लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं. प्रशासन ने मृतकों की सूची जारी कर दी है. मृतकों के नाम तपन अधिकारी (72), उर्मी साहा (13), रुमुर साहा (42), अनस पंडित (8), चिरायु देवी (28), सुभाशीष राहा (63), शोभनदीप (20) और सुष्मिता पोद्दार (22) हैं.

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मालबाजार की माल नदी में आयी बाढ़ में मारे गये पीड़ित परिवारों के लिए केंद्र सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा की गयी है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि मृतकों के निकट परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों के इलाज के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी. पीएमओ ने गुरुवार सुबह ट्वीट करके यह जानकारी दी.

प्रशासन पर लगा लापरवाही का आरोप

स्थानीय लोगों का आरोप है कि करीब 14 दिन पहले माल नदी में एक ट्रक बह गया था. तब से लगातार बारिश हो रही है. इसके बावजूद प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किये. ऐहतियाती कदम भी नहीं उठाया गया. अगर प्रशासन थोड़ा और सतर्क होता, तो अचानक से आयी बाढ़ में 8 लोगों की मौत नहीं होती. सिविल डिफेंस के कर्मियों का कहना है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. दशमी की रात कम से कम 65-70 दुर्गा प्रतिमाओं को माल नदी में विसर्जित किया जाना था. हजारों लोग प्रतिमा विसर्जन के लिए नदी किनारे पहुंचे थे. प्रशासन को खबर थी की लोगों की भीड़ बढ़ सकती है. बावजूद इसके, सिविल डिफेंस के केवल 8 सुरक्षाकर्मियों को ही नदी किनारे ड्यूटी पर तैनात किया गया था.

रिपोर्ट : मुकेश तिवारी

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