जमशेदपुर की बेटी अस्मिता दोरजी ने एवरेस्ट किया फतह, झारखंड का बढ़ाया गौरव
टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) की सीनियर इंस्ट्रक्टर अस्मिता दोरजी ने झारखंड का गौरव बढ़ाते हुए एवरेस्ट फतह किया. अस्मिता ने 14 अप्रैल से एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की थी.
टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) की सीनियर इंस्ट्रक्टर अस्मिता दोरजी ने एक नया अध्याय लिखते हुए मंगलवार को एवरेस्ट (29,002 फीट) फतह कर लिया है. अस्मिता दोरजी ने मंगलवार की सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर अपने शेरपा लखपानुरु के साथ एवरेस्ट फतह किया. उन्होंने एवरेस्ट के शिखर पर पहुंच कर भारतीय तिरंगा व टाटा स्टील का झंडा फहराया.
14 अप्रैल से शुरू की थी एवरेस्ट की चढ़ाई
अस्मिता छह अप्रैल को दिल्ली से काठमांडू पहुंची थी. फिर वहां से 14 अप्रैल को एवरेस्ट की कठिन यात्रा शुरू की थी. बेस कैंप पहुंचने के बाद उन्होंने रोटेशन प्रक्रिया पूरी की. इसके बाद 18 मई को वह कैंप-3 के लिए निकली. 22 मई को वह कैंप-4 से एवरेस्ट पर चढ़ाई की शुरुआत रात लगभग दस बजे शुरू की और सुबह आठ बजकर 20 मिनट में उन्होंने सफलतापूर्वक अपनी यात्रा पूरी की. पिछले वर्ष अस्मिता बिना ऑक्सीजन स्पलीमेंट के एवरेस्ट अभियान पर गयीं थी, लेकिन मात्र 100 मीटर पहले वह बेहोश होकर गिर गयीं थीं.
एवरेस्ट की बालकनी तक पहुंचे गोमिया विधायक लंबोदर महतो के पुत्र शशि शेखर
गोमिया विधायक लंबोदर महतो के पुत्र शशि शेखर ने माउंट एवरेस्ट में 8430 मीटर (26,657 फीट) स्थित बालकनी तक का सफर पूरा कर लिया है. खराब मौसम व वेदर विंडो कम होने की वजह से तथा बढ़ती ट्रैफिक व स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें शिखर के आखिरी पड़ाव से कुछ पहले वापस लौटने का कठिन फैसला लेना पड़ा.
8430 मीटर (26,657 फीट) तक का सफर वो पूरा कर चुके थे, जिसके बाद उन्हें सिर्फ साउथ समिट, हिलेरी स्टेप और शिखर तक का सफर तय करना था. शशि शेखर झारखंड से 8000 मीटर से ऊपर एवरेस्ट समिट अटेम्पट लेनेवाले सातवें तथा 8000 मीटर से ऊपर चढ़ाई करनेवाले झारखंड के आठवें पर्वतारोही बने.
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