Jharkhand News: कौन हैं डॉ जयदीप सरकार जिनकी किताबें विश्व के 600 विवि में पढ़ायी जा रही है
पश्चिमी सिंहभूम के जयदीप सरकार की किताब आज दुनिया की 600 विवि में पढ़ाई जा रही है. भारत में इस पुस्तक की कीमत 8020 रुपये है. उन्होंने अपनी पीएचडी की पढ़ाई कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से की है
चक्रधरपुर : पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर नगर परिषद क्षेत्र निवासी डॉ जयदीप सरकार पर केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को नाज है. इंजीनियरिंग एवं फिजिक्स में हायर स्टडी के विद्यार्थियों के लिए डॉ सरकार ने सेमीकंडक्टर विषय पर 600 पृष्ठ की ‘स्पटरिंग मेटेरियल फॉर वीएलएसआइ एंड थिन फिल्म डिवाइसेस’ पुस्तक लिखी है.
यह पुस्तक विश्व के 600 विश्वविद्यालयों में पढ़ायी जा रही है. भारत में इस पुस्तक की कीमत 8020 रुपये है. चक्रधरपुर में जन्मे डॉ जयदीप की स्कूली शिक्षा चक्रधरपुर में ही हुई है.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी की :
हिंदी माध्यम से दक्षिण-पूर्व रेलवे मिश्रित उच्च विद्यालय (चक्रधरपुर) से 1983 में मैट्रिक पास करने के बाद 1990 में एनआइटी दुर्गापुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. आइआइएससी बेंगलुरु से मास्टर डिग्री की उपाधि हासिल की.
शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिभाशाली होने के कारण पीएचडी के लिए कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप मिली, तो इंग्लैंड चले गये. पीएचडी पूरी होने के बाद कनाडा में जॉब करने लगे. 2003 में अमेरिका की प्रतिष्ठित कंपनी लिंडे (केमिकल कंपनी) ज्वाइन की. 19 वर्षों की सेवा के बाद आज उसी कंपनी के एसोसिएट डायरेक्टर हैं.
शख्सीयत
विश्व के 50 देशों का भ्रमण कर चुके हैं झारखंड के चक्रधरपुर निवासी जयदीप
चक्रधरपुर रेलवे स्कूल में हुई है डॉ जयदीप की शिक्षा
1983 में बिहार बोर्ड से पास की थी मैट्रिक परीक्षा
अमेरिका की प्रतिष्ठित कंपनी लिंडे में हैं एसोसिएट डायरेक्टर
भारतीय कला-संस्कृति से जुड़े तथ्यों पर डॉ सरकार कर रहे हैं शोध
डॉ जयदीप सरकार रिसर्च के सिलसिले में पूरे यूरोप, जापान, कोरिया, आयरलैंड, फ्रांस, कंबोडिया, थाईलैंड और वियतनाम समेत करीब 50 देशों का भ्रमण कर चुके हैं. डॉ सरकार के मुताबिक, वह जहां भी जाते हैं भारतीय संस्कृति, कला एवं सभ्यता की तलाश करते हैं.
पूरे विश्व की सभ्यता में 14वीं सदी तक भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति ने गहरा असर छोड़ा, जिसका प्रमाण कई देशों में आज भी देखने को मिलता है. इस संबंध में उनके रिसर्च को विश्व के कई प्रमुख अखबारों में प्रकाशित भी किया गया है. विश्व के कई देशों की लिपि में भारत के उत्तरी ब्राह्मी लिपि व दक्षिण ब्राह्मी लिपि का स्पष्ट प्रभाव दिखता है.
शिकागो से पूर्व बोस्टन के यूनिटेरियन चर्च में हुआ था विवेकानंद का संबोधन
डॉ सरकार का एक लेख अमेरिका के अखबार डेक्कन हेराल्ड में प्रकाशित हुआ. जिसमें इनके रिसर्च से यह सिद्ध किया गया है कि प्रसिद्ध शिकागो संबोधन से पूर्व स्वामी विवेकानंद का संबोधन अमेरिका के ईस्ट कोस्ट यू इंग्लैंड (बोस्टन के पास) यूनिटेरियन चर्च में सन 1893 में हुआ था, जबकि इतिहास में स्वामीजी का पहला संबोधन शिकागो दर्ज है.
डॉ सरकार कहते हैं कि विश्व भ्रमण में देखा कि पूरे साउथ ईस्ट एशिया में बौद्ध धर्म का प्रभाव है, जो भारत से वहां पहुंचा. इन दिनों डॉ सरकार अपने मित्रों के आमंत्रण पर चक्रधरपुर आये हुए हैं. उनके स्कूल एवं 1983 बैच के सहपाठियों ने उनके सम्मान में समारोह का आयोजन कर भारत के इस गौरव को गौरवान्वित किया.
Posted By: Sameer Oraon