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लगातार बारिश से जामताड़ा में तालाब की मेड़ टूटी, कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग भूल मछली पकड़ने दौड़ पड़े ग्रामीण

जामताड़ा (अजीत कुमार) : पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से जामताड़ा के चिरुडीह गांव में तालाब की मेड़ टूट गयी. इसकी खबर ग्रामीणों को जैसे ही मिली, कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग भूल कई गांवों के ग्रामीण मछली पकड़ने के लिए दौड़ पड़े. लगभग 2 घंटे तक मछली पकड़ने के लिए लोग जमे रहे.

जामताड़ा (अजीत कुमार) : पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से जामताड़ा के चिरुडीह गांव में तालाब की मेड़ टूट गयी. इसकी खबर ग्रामीणों को जैसे ही मिली, कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग भूल कई गांवों के ग्रामीण मछली पकड़ने के लिए दौड़ पड़े. लगभग 2 घंटे तक मछली पकड़ने के लिए लोग जमे रहे.

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जामताड़ा जिले में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इस कारण चिरुडीह गांव के तालाब की मेड़ टूट गयी. इसकी सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली, वे तालाब की ओर दोड़ पड़े. इस दौरान ना तो करोना का डर किसी को था और ना सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल. लोगों ने बताया कि चिरूडीह गांव का यह काफी पुराना तालाब है. बारिश इतनी हुई कि तालाब लबालब भर गया और तालाब की मेड़ टूट गयी.

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तालाब की मेड़ टूटने से पानी के साथ मछलियां भी बहकर बाहर निकल आयीं. तालाब के नीचे खेतों में लगे धान की फसलों में बालू और मिट्टी भर गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि तालाब की मेड़ टूटने से लाखों की क्षति हुई है. ग्रामीण सीताराम चौबे ने बताया कि इस तालाब में लगभग 50 हजार के आसपास की मछलियां बह गई हैं. इस वर्ष मछली का जो जीरा डाला गया था, उसका भी नुकसान हो गया.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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