जामताड़ा : खतियान के अभाव में अब तक नहीं बन सका स्कूली बच्चों का जाति प्रमाण-पत्र, 47582 छात्र लाभ से वंचित

बच्चों को जाति प्रमाण-पत्र नहीं मिलने से वह योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हैं. जाति प्रमाण-पत्र नहीं रहने से बच्चों को छात्रवृति, साइकिल आदि योजना से वंचित होना पड़ रहा है.

By Contributor | October 31, 2023 2:27 PM

जामताड़ा जिले के शत-प्रतिशत स्कूली बच्चों को अब तक जाति प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. इस कारण बच्चे विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. वहीं जिले में ऐसे भी बच्चे हैं, जिनके अभिभावक के पास खतियान भी नहीं हैं. बच्चों को जाति प्रमाण-पत्र बनाने में खतियान की बाध्यता भी एक कारण है, जिस कारण बच्चों को जाति प्रमाण-पत्र बनवाने में दिक्कतें आ रही है. खतियान नहीं रहने के कारण अभिभावकों को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. गौरतलब है कि राज्य सरकार का निर्देश है कि स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों का जाति प्रमाण-पत्र बनाना अनिवार्य है. सभी प्रखंडों के बीआरसी में बच्चों के कागजात जमा किये जा रहे हैं. बीआरसी के माध्यम से प्रत्येक दिन अंचल भेजने की प्रकिया की जा रही है. जिले के छह प्रखंडों में 1030 स्कूलों में एक लाख तीन हजार बच्चे अध्ययनरत हैं, लेकिन अब तक 74348 बच्चों का ही जाति प्रमाण-पत्र के लिए कागजात अंचल कार्यालय में जमा हो सका है. इन जमा कागजातों के अनुरूप अब तक 55448 हजार बच्चों को जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है. 17363 फॉर्म विभिन्न कारणों से त्रुटि पाया. 2362 आवेदन सीओ कार्यालय में लंबित हैं. इस प्रकार अब तक कुल 47582 बच्चों का जाति प्रमाण-पत्र नहीं बन सका है.


योजनाओं से वंचित हो रहे हैं बच्चे

बच्चों को जाति प्रमाण-पत्र नहीं मिलने से वह योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हैं. झारखंड सरकार की मंशा है कि सभी बच्चों को स्कूल के माध्यम से ही जाति प्रमाण-पत्र उपलब्ध हो जाए तो सरकार की योजनाओं का लाभ भी बच्चे ले सकें. जाति प्रमाण-पत्र नहीं रहने से बच्चों को छात्रवृति, साइकिल आदि योजना से वंचित होना पड़ रहा है. स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए खतियान, पर्चा, जन्म प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, माता-पिता के आधार कार्ड आदि की जरूरत है.

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