जामताड़ा : गोविंदपुर-साहिबगंज हाइवे पर हुई दुर्घटना, बस की चपेट में आने से बच्चे की हुई मौत
जामताड़ा जिले के धतुला मोड़ से देवघर जिले की सीमा तक दुर्घटनाओं का जोन बना हुआ है. लोगों का कहना है कि सड़कों पर अनियंत्रित गति से दौड़ते वाहनों का इस सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त होना मानो रोजमर्रा की बात हो गयी है.
फतेहपुर : गोविंदपुर-साहिबगंज हाइवे सड़क के बिंदापाथर थाना क्षेत्र अंतर्गत चापुड़िया मोड़ के समीप मंगलवार सुबह को राजदीप बस की चपेट में आने से पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. बच्चे की पहचान चापुड़िया गांव के ही रामू चौधरी के पुत्र रिंकेश चौधरी के रूप में हुई है. बताया गया कि दुमका से छठ पूजा में शामिल होकर परिवार के अन्य सदस्य के साथ रिंकेश अपने घर चापुड़िया आ रहा था. इसी बीच एक अन्य बस से सभी सदस्य चापुड़िया मोड़ पर उतरे. इसके बाद ये लोग सड़क पार कर ही रहे थे कि दुमका की ओर से आ रहे राजदीप बस (जेएच 04 एल 7611) की चपेट में बच्चा आ गया. घटना के बाद स्थानीय ग्रामीण एवं परिजनों के सहयोग से घायल बच्चे को सदर अस्पताल जामताड़ा ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने विरोध में जामताड़ा-दुमका सड़क को करीब डेढ़ घंटे तक जाम कर दिया. मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर ग्रामीण सड़क पर बैठ गए. इस दौरान सड़क पर सैकड़ों वाहनों की लंबी कतार लग गयी. वहीं पुलिस को सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंचकर जाम हटाने का प्रयास किया मगर परिजन नहीं माने. बाद में फतेहपुर बीडीओ प्रेम कुमार दास ने घटनास्थल पर पहुंच कर परिजनों को समझा-बुझाकर तथा सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा देने का आश्वासन दिया, तब जाम हटाया गया. मौके पर पुलिस राजदीप बस को कब्जे में लेकर बिंदापाथर थाना ले गयी है.
दुर्घटना जोन बनता जा रहा है गोविंदपुर-साहिबगंज स्टेट हाईवे
गोविंदपुर स्टेट हाईवे सड़क दिन-ब-दिन दुर्घटना जोन बनता जा रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो जा रही है. खासकर जामताड़ा जिले के धतुला मोड़ से देवघर जिले की सीमा तक दुर्घटनाओं का जोन बना हुआ है. लोगों का कहना है कि सड़कों पर अनियंत्रित गति से दौड़ते वाहनों का इस सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त होना मानो रोजमर्रा की बात हो गयी है. यदि आंकड़ों पर गौर किया जाए तो प्रतिमाह कई मामले दुर्घटना के गोविंदपुर-साहिबगंज स्टेट हाइवे सड़क पर घटित होते हैं. किंतु प्रशासन द्वारा इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है. आलम यह है कि कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और दुर्घटना में कई लोग अपाहिज की जिंदगी गुजार रहे हैं.
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