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जामताड़ा : दफादार-चौकीदार महासंघ ने दिया धरना, हेमंत सोरेन के सामने रखी ये मांग

चौकीदारों-दफादारों के पुराने बीटों पर विज्ञापन निकाला गया तो सेवानिवृत चौकीदार-दफादार के आश्रितों और सेवा विमुक्त चौकीदार बहाल नहीं हो पायेंगे, जिसका सीधा असर जनहित पर पड़ेगा. चौकीदारी व्यवस्था में 90 प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोग पुश्त दर पुश्त से काम करते आ रहे हैं.

जामताड़ा : झारखंड राज्य दफादार-चौकीदार महासंघ, जिला शाखा जामताड़ा की ओर से गुरुवार को समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया. बतौर मुख्य अतिथि राज्याध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह मौजूद थे. मौके पर राज्याध्यक्ष ने कहा कि जिले में सेवानिवृत चौकीदारों-दफादारों और सेवा विमुक्त चौकीदारों के रिक्त पदों पर निकाले गये विज्ञापन को झारखंड सरकार तत्काल रद्द करे. झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 की कंडिका 2 (9) के आलोक में 100 से 120 आवासीय घरों पर नया बीट सृजित करते हुए नये बीटों पर विज्ञापन निकाले. यदि चौकीदारों-दफादारों के पुराने बीटों पर विज्ञापन निकाला गया तो सेवानिवृत चौकीदार-दफादार के आश्रितों और सेवा विमुक्त चौकीदार बहाल नहीं हो पायेंगे, जिसका सीधा असर जनहित और राज्यहित पर पड़ेगा. क्योंकि पुश्त दर पुश्त एक ही परिवार से चौकीदारी रहने के कारण इनकी सूचना जनहित व राज्यहित में बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. चौकीदारी व्यवस्था में 90 प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोग पुश्त दर पुश्त से काम करते आ रहे हैं. चौकीदारों-दफादारों का जितना पद रिक्त है, 95 प्रतिशत इन्हीं वर्गाें से हैं. गृह विभाग की ओर से दिये गये आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए चौकीदारों-दफादारों से बैंक ड्यूटी, कैदी स्कॉट, रोड गश्ती, चेकनाका ड्यूटी और डाक ड्यूटी कराने वाले थाना प्रभारियों पर विभागीय कार्रवाई करने की मांग गृह सचिव से की है.


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की मांग

जिला अध्यक्ष निजेन कुमार भोक्ता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (4) की भावना के आलोक में सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने, एक जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत चौकीदारों-दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने का तत्काल अध्यादेश जारी करने की भी मांग की है. अन्यथा ये चौकीदारी व्यवस्था से बाहर हो जायेंगे. धरने की अध्यक्षता कर रहे रामजीत मंडल ने कहा कि 23 नवंबर को राजभवन के सामने रांची में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू किया जायेगा. धरना-प्रदर्शन के बाद एक शिष्टमंडल 10 सूत्री मांगाें को लेकर मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. मौके पर महादेव मिर्धा, प्रबोध महतो, मंटू मिर्धा, इंद्रजीत बाउरी, महावीर भंडारी, अक्षय माजी, मदनमोहन राय, भागीरथ महतो, जितन राय आदि थे.

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