जामताड़ा जिले भर में रविवार को संविधान दिवस मनाया गया. इस अवसर पर समाहरणालय सभागार में डीसी शशि भूषण मेहरा ने समाहरणालय संवर्ग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को संविधान दिवस की शपथ दिलायी. डीसी ने कहा कि संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य संविधान के प्रति सचेत करना, समाज में संविधान के महत्व का प्रसार करना है. साथ ही संविधान में व्यक्त मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति नागरिकों को दोहराना और पुनः उन्मुख करना एवं लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी सही भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है. कहा आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ था, उस दिन से ही हम इस तिथि को संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं. संविधान हमारे लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी एवं मार्गदर्शक है. सही मायने में यह हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है. कहा कि संविधान के मूल उद्देश्यों का बार बार पठन करने से ही उसके मूल मंत्र का हम अपने व्यवहार एवं दिनचर्या में पालन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर अपने मौलिक दायित्वों का निष्ठा पूर्वक पालन करने का संकल्प लें. संविधान के सिद्धांतों को परिपूर्ण करने के लिए सरकार, प्रशासन के साथ साथ समस्त जनता को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है. कहा कि हम सभी पूरी ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा से कार्य करें, ताकि आम नागरिकों को सहज एवं सुलभ रूप से योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके. वहीं संविधान दिवस के अवसर पर जिले के सभी प्रखंड, अंचल एवं नगर निकाय सहित सभी कार्यालयों में कार्यालय प्रधान के द्वारा प्रस्तावना का पठन किया गया. मौके पर डीएफओ बनकर अजिंक्य देवीदास, एसडीओ अनंत कुमार, डीइओ डॉ गोपाल कृष्ण झा, डीएसई दीपक राम समत अन्य कर्मी मौजूद थे.
जामताड़ा के नारायणपुर प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में रविवार को भारतीय संविधान दिवस मनाया गया. इस अवसर पर बीडीओ मुरली यादव, सीओ शफ़ी आलम के अलावे प्रखंड सह अंचल कार्यालय के कर्मियों ने संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय संविधान की उद्देशिका एवं कर्तव्यों के निर्वहन को निष्ठा पूर्वक पालन करने को लेकर शपथ लिया. विदित हो कि 26 जनवरी 1949 को भारतीय संविधान को अपनाया गया था. तब से लेकर प्रति वर्ष 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर सभी कार्यालयों में मनाया जाता है. मौके पर बीएचओ डॉ सुनील प्रसाद सिंह, प्रमुख अंजना हेम्ब्रम, सीमा कुमारी, मुखिया मुन्नी मराण्डी, रोजगार सेवक फहीमुद्दीन अंसारी, लाल बाबू अंसारी समेत अन्य मौजूद थे.