जामताड़ा : हाथियों के झुंड ने दादा-पोती को कुचला, दोनों की मौत

वन विभाग लोगों से लगातार अपील कर रहा है कि हाथियों के झुंड के साथ किसी प्रकार का कोई छेड़छाड़ न करें. भूलकर भी लोग झुंड के सामने जाने का प्रयास न करें. वन विभाग की टीम लगातार हाथियों के झुंड को टुंडी या गिरिडीह वन क्षेत्र की ओर खदेड़ने का प्रयास कर रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2023 10:23 AM

नारायणपुर : एक बार फिर नारायणपुर थाना क्षेत्र में जंगली हाथियों के झुंड का उत्पात देखने को मिला है. जंगली हाथियों के झुंड ने दीघारी पंचायत अंतर्गत बनखंजो गांव में दो लोगों को कुचलकर मार डाला. जानकारी के अनुसार, गिरिडीह जिले के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के कोरियाद निवासी जनाउल अंसारी (50) अपनी पोती नूरजहां खातून (7) के साथ बनखंजो (चैनपुर) अपने ससुराल से आ रहे थे. इसी दौरान जंगली हाथियों के झुंड ने दादा-पोती पर हमला बोल दिया. इससे दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. घटना सोमवार दोपहर लगभग तीन बजे के आसपास की बतायी जा रही है. विदित हो कि धनबाद जिले के टुंडी वनक्षेत्र की ओर से जंगली हाथियों का एक झुंड रविवार को नारायणपुर थाना क्षेत्र के बनखोंजो (दीघारी पंचायत) क्षेत्र में दस्तक दिया था. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, झुंड में हाथी व छोटे बच्चों को मिलाकर लगभग 30 की संख्या है. लगभग 12 वर्ष पूर्व मंडरो गांव में जंगली हाथी ने नारायणपुर के रेंजर को कुचलकर मार डाला था. वर्ष 2018 में नारायणपुर के नुरगी, बंजमुनिया में हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात बचाया था. इस दौरान तीन लोगों को कुचल कर मार डाला था.


वन विभाग की टीम पहुंची बनखोंजो गांव

घटना की सूचना मिलते ही नारायणपुर बीडीओ मुरली यादव, सीओ शफी आलम, थाना प्रभारी दिलीप कुमार, मुखिया बबलू किस्कू सहित वन विभाग की टीम बनखोंजो गांव पहुंच गयी है. वन विभाग के अधिकारियों व कर्मियों के साथ मिलकर लोगों से एहतियात बरतने की अपील कर रहे हैं. वहीं हाथियों के झुंड को देखने लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गयी है. भारी संख्या में लोग हाथियों के झुंड को देखने पहुंच रहे हैं. लोग हो-हल्ला भी करते हैं. जिससे हाथियों का झुंड अचानक लोगों पर हमला कर दे रहा है. वन विभाग लोगों से लगातार अपील कर रहा है कि हाथियों के झुंड के साथ किसी प्रकार का कोई छेड़छाड़ न करें. भूलकर भी लोग झुंड के सामने जाने का प्रयास न करें. वन विभाग की टीम लगातार हाथियों के झुंड को टुंडी या गिरिडीह वन क्षेत्र की ओर खदेड़ने का प्रयास कर रहा है.

Also Read: जामताड़ा : 19 से 26 नवंबर तक मनाया जायेगा अबुआ आवास दिवस, जानें किसे होगा फायदा

Next Article

Exit mobile version