Jamui Gold Mine: देश के समस्त स्वर्ण अयस्क भंडार का तकरीबन आधा भाग अकेले अपनी गर्भ में समेट कर रखने वाला जमुई का करमटिया एक सामान्य निर्जन, वीरान व सुनसान टांड है. इस बेचिरागी गांव का यह टांड़ वस्तुतः बड़े भू भाग में फैला है.
ग्रामीणों की मानें तो करमटिया लगभग पौने तीन सौ एकड़ में फैला हुआ टांड़ है. इस बड़े क्षेत्र के उत्तर में डोकली जैसा गांव है तो दक्षिण में कुहिला मोड़ है. पूरब में सुखनर नदी है जबकि पश्चिम में अगहरा मोड़ तक का क्षेत्र आता है. पथरीला व लाल मिट्टी वाले इस टांड का अधिकांश भाग बंजर सा है. झाड़ियां व खजूर के पेड़ की अधिकता है.
पूर्व में कुछ किसानों द्वारा खेती की जाती थी लेकिन 1982 में जब इसे सरकार द्वारा सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया तब से अधिकांश वैसे जगह जहां उस वक्त जांच हेतु खुदाई हुई थी, वीरान पड़ा है. सोनो-चरकापत्थर मुख्य मार्ग पर शुकनर नदी काजवे को पार करते ही दाहिनी ओर करमटिया का क्षेत्र शुरू हो जाता है.
Also Read: सोना उगलती है बिहार के जमुई की माटी, गर्भ में देश का 44 प्रतिशत गोल्ड भंडार, चर्चा से क्षेत्र में जगी आसकुहिला मोड़ के विपरीत दिशा का बड़ा भाग कभी मवेशियों का चारागाह बनता है तो कभी असामाजिक तत्वों के बैठने की जगह. कुल मिलाकर बेहद वीरान, लाल और पथरीली भूमि वाला करमटिया अकूत स्वर्ण होने के बाद भी सामान्य व शांत है.
प्रदेश के खान मंत्री द्वारा विधान परिषद में सोनो में स्वर्ण अयस्क की प्रचूरता की संभावना को लेकर दिए बयान के बाद एक बार पुनः प्रभात खबर की टीम करमटिया के उस भू भाग पर पहुंचा जहां चार दशक पूर्व चरवाहो व ग्रामीणों को स्वर्ण कण मिला था. उस जगह ग्रामीणों की खुदाई से बने गड्ढे काफ़ी हद तक भर गए थे.
जिस विशाल पेड़ की छाया में ग्रामीण बैठते थे वह पेड़ खत्म हो चुका है. अब वहां घास व झाड़ियों के अलावे कुछ भी नहीं है. समीप के जमीन पर वन विभाग द्वारा किए गए पौधोंरोपण के उपरांत अब वे पौधे बड़े होकर पेड़ बनने की तैयारी में है जबकि उत्तरी भाग से होकर बरौनी हल्दीया तेल पाइप लाइन बिछाने का कार्य हुआ है.
करमटिया के जिस जगह पर सोना के कण पाए गए थे और जहां से मिट्टी के नमूने जांच हेतु लिए गए थे उस जगह की मिट्टी सामान्य से अलग दिखा. लाल रंग के इस मिट्टी में एक खास चमक स्पष्ट दीख रहा था. वाकई यह मिट्टी सामान्य मिट्टी से अलग है.
मवेशी चरा रहे समीप के गांव दूबेडीह के दो तीन ग्रामीणों ने बताया कि इस जगह कि असामान्य व लाल रंग कि मिट्टी के कारण ही इस करमटिया को लोग ललमटिया कहते है और सोना पाए जाने के बाद से इसे सोनमटिया भी कहा जाने लगा. ऊपर से सामान्य, शांत व वीरान दिखने वाला यह क्षेत्र अपने भीतर अकूत स्वर्ण भंडार छिपाए हुए है यह सहज विश्वास नहीं होता.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan