जमुई की दिव्यांग बच्ची करीना के दोनों हाथ में दस की जगह सिर्फ एक उंगली है. लेकिन दोनों हाथ में उंगली नहीं होने के बाद भी उसका हौसला पहाड़ जैसा है. करीना के सिर्फ बाएं हाथ में ही एक अंगूठा है. उंगलियां नहीं होने के बावजूद भी करीना की सिर्फ एक ही चाहत है. वो कहती है की उसे सिर्फ पढ़ना है और डॉक्टर बनना है.
जमुई की रहने वाली करीना को अपने हाथों में उंगलियां नहीं होने का कोई अफसोस नहीं हैं. वह अपने प्रतिदिन का काम बखूबी से करती है थी उसी प्रकार जैसे कोई अन्य इंसान करता हो. खास बात तो यह है की उंगलियां नहीं होने के बावजूद करीना की एक ही प्रबल इच्छा है की वो पढ़ना चाहती है और कुछ करना चाहती है.
करीना की उम्र सिर्फ दस वर्ष है. इतनी छोटी उम्र में उसका हौसला देखने लायक है. करीना बहोत ही होनहार छात्रा है और पढ़ लिख कर डॉक्टर बनने की इच्छा रखती है. वह अभी छठी कक्षा में अपनी केवल एक उंगली के सहारे ही पढ़ाई करती है. करीना के इस हौसले को देखकर गांव और आस पास के लोग काफी आश्चर्यचकित है.
करीना दिव्यांग होने के बावजूद किसी से मदद नहीं लेना चाहती है. बल्कि वह समाज के लिए कुछ करना चाहती है. उसकी इच्छा है की वह डॉक्टर बनकर लोगों की मदद करे. करीना का कहना है की उसे उंगली नहीं होने का कोई अफसोस नहीं है. उसे बस पढ़ना है. करीना के चाचा भी बताते हैं की वह पढ़ने में बहुत तेज है. अगर सरकार कुछ मदद कर दे तो वह पढ़ लिखकर अपना सपना पूरा कर सकती है.
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करीना की मां ने बताया की जन्म से ही करीना के दोनों हाथ ऐसे हैं. डॉक्टर का कहना है कि प्लास्टिक का हाथ लगाना पड़ेगा लेकिन उन्होंने डॉक्टर की बात नहीं मानी. उन्होंने कहा की गर अपनी बेटी की हाथ कटवा दिया तो वो मेरे पर निर्भर हो जाएगी. अभी वह अपना काम खुद करती है.