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Janmashtami 2021 : झारखंड के विश्व प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के महाभिषेक की ये है तैयारी

कन्हैया स्थान ( Kanhaiya sthan) स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKCON temple) में सोमवार अहले सुबह से मंगल आरती, नगर संकीर्तन, गुरु पूजा, भजन-कीर्तन व प्रवचन किया जा रहा है तथा अर्द्धरात्रि 11 बजे से भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक (Lord Krishna Mahabhishek) होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2021 12:21 PM
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Janmashtami 2021, साहिबगंज न्यूज (उदित यादव) : झारखंड के साहिबगंज स्थित कन्हैया स्थान के विश्व प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनायी जा रही है. आज सोमवार अहले सुबह से मंगल आरती, नगर संकीर्तन, गुरु पूजा, भजन-कीर्तन व प्रवचन किया जा रहा है. अर्द्ध रात्रि 11 बजे से भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक होगा. जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की बाल प्रतिमा को दूध, दही, मक्खन, शहद सहित पांच प्रकार के फलों के रस से अभिषेक व गंगा जल स्नान कराया जायेगा. कोरोना के कारण झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार समेत विदेश से आने वाले कृष्ण भक्तों के मंदिर में प्रवेश पर रोक है.

रविवार को बड़हरवा(पतना) से आए मानस कुमार सेन अपने छह महीने के पुत्र निल निशिव सेन को भगवान श्री कृष्ण के बाल रूपी वेशभूषा धारण करवा कर मंदिर पहुंचे. जिसे देख मंदिर के कृष्ण भक्त हरे कृष्ण, हरे कृष्ण का जाप करने लगे और मंदिर परिसर हरे कृष्ण हरे कृष्ण के जाप से गूंज उठा. रविवार को संध्या आरती के बाद दो दिवसीय कृष्ण कथा शुरू हो गयी है.

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दो दिवसीय महाअनुष्ठान को लेकर मंदिर के मुख्य परिचालक ब्रजराज कन्हाई दास ब्रह्मचारी ने बताया रविवार को शुभ अधिवास से साथ कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है. इसके बाद सोमवार अहले सुबह से मंगल आरती, नगर संकीर्तन, गुरु पूजा, भजन-कीर्तन व प्रवचन किया जा रहा है तथा अर्ध रात्रि 11 बजे से भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक होगा. जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की बाल प्रतिमा को दूध, दही, मक्खन, शहद सहित पांच प्रकार के फलों के रस से अभिषेक व गंगा जल स्नान कराया जायेगा, जो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा. उसके बाद महा प्रसाद का वितरण होगा.

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मंगलवार को जन्माष्टमी के दूसरे दिन गंगा आरती पूजन मंदिर परिक्रमा मंगल आरती तथा अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ के संस्थापक आचार्य कृष्ण कृपा मूर्ति भक्तिवेदांत स्वामी झील प्रभुपाद जी का 125 वां जन्मदिवस व नंद उत्सव मनाए जाएगा. दोपहर भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग अर्पण किया जाएगा तथा भक्तिवेदांत स्वामी झील प्रभुपाद जी के मूर्ति का उद्घाटन भी होगा. उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक वर्ष जन्माष्टमी पर मनोरंजन के लिए भगवान श्रीकृष्ण पर आधारित नाटक का मंचन तैयार किया जाता था और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता था, लेकिन पिछले दो वर्षों से उक्त कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पा रहा है. उक्त अनुष्ठान में भाग लेने के लिये झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार समेत विदेश से भी कृष्ण भक्त पहुंचते थे, लेकिन कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को मद्देनजर बाहरी कृष्ण भक्तों का मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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