-
अयोध्या में नई क्रूज सेवा जटायु शुरू की गई है
-
रामायण-थीम वाले क्रूज को भारत के प्रिय महाकाव्य की भावना वाले यात्री मिलेंगे
-
एक और क्रूज सेवा ‘पुष्पक विमान’ भी लॉन्च की जाएगी
Jatayu Cruise Service: अयोध्या शहर ने अब सरयू नदी पर एक नई क्रूज सेवा “जटायु” शुरू की है. प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को इस नई क्रूज सेवा का उद्घाटन किया. यह क्रूज यात्रियों को नया घाट से गुप्तार घाट तक 18 किमी की दूरी तय करेगा. लगभग 70 यात्रियों को ले जाने वाली यात्रा में 1.5 से 2 घंटे का समय लगेगा. तो, आपको अयोध्या में जटायु क्रूज पर एक छोटी यात्रा क्यों शुरू करनी चाहिए?
क्या खास है जटायु क्रूज की
जटायु क्रूज एक वातानुकूलित दो मंजिला जहाज है. 45 फीट लंबाई और 15 फीट चौड़ाई वाले इस जहाज का निर्माण गुजरात में किया गया था. बाद में इसे दिल्ली और फिर अयोध्या लाया गया. रामायण-थीम वाले क्रूज को भारत के प्रिय महाकाव्य की भावना वाले यात्री मिलेंगे. जहाज के पतवार पर भगवान राम, लक्ष्मण, मां सीता, हनुमान और महाकाव्य के अन्य प्रसंगों की खूबसूरती से चित्रित छवियां हैं. जटायू क्रूज पर लोगों को 45 मिनट की यात्रा कराई जाएगी. अयोध्या के प्रमुख घाटों और उसकी पौराणिकता से लोगों को परिचय कराया जाएगा. इसके लिए क्रूज पर गाइड की भी नियुक्ति की जाएगी.
संवरती अयोध्या !!!
विश्वस्तरीय आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित हो रही अयोध्या नगरी में क्रूज़ सेवा का हुआ शुभ आरम्भ।
जय श्री राम
.
.
.#ayodhya #cruise #jatayu pic.twitter.com/0yLY90UnSJ— Ayodhya Development Authority (@ayodhyadevauth) September 8, 2023
इस आकर्षक यात्रा के दौरान यात्री भगवान राम और अयोध्या के बारे में एक लघु फिल्म देखेंगे. यह यात्रियों को मंदिर शहर के समृद्ध इतिहास के बारे में शिक्षित करेगा. नया घाट और गुप्तार घाट के बीच राउंड ट्रिप के टिकट की कीमत प्रति व्यक्ति 300 रुपये होगी. जयतु क्रूज की पहली यात्रा सुबह 4:30 बजे शुरू होगी और 6:30 बजे समाप्त होगी. दूसरी यात्रा सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगी. तीसरा शाम 4 बजे से 6 बजे तक, और आखिरी शाम 6 बजे से 8 बजे तक.
क्रूज कर्मचारी घाटों के समृद्ध इतिहास के बारे में यात्रियों को अधिक जानकारी प्रदान करेंगे. जयवीर सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि यात्रियों को जलपान दिया जाएगा. अयोध्या क्रूज़ लाइन्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहुल शर्मा का कहना है कि पर्यटक जटायु के बाद अन्य क्रूज सेवाओं की उम्मीद कर सकते हैं. इसमें ‘गरुड़’ भी शामिल है जो अगले महीने आएगी. साल के अंत तक 150 लोगों के बैठने की क्षमता वाली एक और क्रूज सेवा ‘पुष्पक विमान’ भी लॉन्च की जाएगी.
Also Read: IRCTC लेकर आया है नेपाल टूर पैकेज, जानिए कब से हो रहा है शुरू, कैसे करें बुकिंग
मंत्री ने दी बधाई
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जटायू क्रूज का लोकार्पण के बाद कहा कि अयोध्या पावन धरती पर जटायु क्रूज का संचालन शुरू हो गया है. क्रूज सेवा का आगे विस्तार होगा. यह बड़े सौभाग्य का विषय है कि राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी 2024 में होगा. इससे पहले व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है.
— Jaiveer Singh (@jaiveersingh099) September 8, 2023
अयोध्या में घूमने लायक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
मंदिर हनुमान गढ़ी
हनुमान गढ़ी अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. हनुमान गढ़ी में हनुमान को समर्पित एक मंदिर है, जिसका अपना एक अलग धार्मिक महत्व है. यह मंदिर वाली जगह पहले अवध के नवाब की थी, जिसने इसे मंदिर के निर्माण के लिए दान दिया था. यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जिसे 10 वीं शताब्दी में बनवाया था. मंदिर तक पहुंचने के लिए यात्रियों को 76 सीढ़ी से होकर जाना होता है.
त्रेता के ठाकुर
त्रेता के ठाकुर अयोध्या में सरयू नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान राम की मूर्तियों को रखा गया है जो प्राचीन समय में काले रेत के पत्थरों से उकेरी गई थीं. इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह वही जगह है जहां पर श्री राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था.
कनक भवन
कनक भवन अयोध्या का प्रमुख दर्शनीय स्थल है, जहां पहले एक अन्य मंदिर था. जिसके बारे कहा जाता है कि इस मंदिर को भगवान राम की सौतेली मां कैकेयी ने विवाह के बाद सीता को दिया था. बता दें कि बाद में इस मंदिर का परमारा वंश के राजा विक्रमादित्य पुननिर्माण किया गया था.
मोती महल
मोती महल फैजाबाद में अयोध्या शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक बेहद आकर्षक संरचना है जिसे लोकप्रिय रूप से ‘पर्ल पैलेस’ के रूप में जाना जाता है. इस महल का निर्माण 1743 ई में किया गया था जो नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी रानी बेगम उन्मतुजोहरा बानू का घर था.
गुलाब बारी
गुलाब बारी एक स्मारक है जो अयोध्या के पास फैजाबाद में स्थित है और नवाब शुजा-उद-दौला का मकबरा है. यह मकबरा चारों तरफ से गुलाब के बाग़ से घिरा हुआ है जिसकी वजह से इस जगह का नाम गुलाब बारी पड़ा है. आपको बता दें कि इस जगह पर पानी के फव्वारे से स्थित हैं जो जगह को सुशोभित करते हैं.