Jaya Ekadashi 2021, Date & Time, Shubh Muhurat, Tithi, Vrat Katha, Kahani, Puja Vidhi, Importance, Significance: माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘जया एकादशी’ कहते हैं. यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है. मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि, जैसे- भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है. भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत इसलिए श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि इस दिन राजा हरिश्चंद्र ने व्रत रखकर सभी कठिनाइयों को अपने जीवन से दूर किया था. इस दिन भगवान विष्णु और उनके अवतार श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए तथा बाल गोपाल को तुलसी के साथ माखन-मिश्री का भोग लगाना चाहिए.
जया एकादशी का व्रत रखने वाले की मानसिक व शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं. मन शांत होता है और व्यक्ति के सभी संस्कार शुद्ध होते हैं.
सुबह सूर्योदय से पहले उठें. स्नान करें. भगवान विष्णु का पूजन करें और व्रत का संकल्प लें. पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. धूप, दीप, चंदन, फल, तिल, पंचामृत से पूजन करें. दिनभर व्रत रखें और रात के समय भगवत जागरण करें. अगले दिन द्वादशी को पूजा-पाठ के बाद किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें और व्रत का पारण करें.
यह व्रत दो प्रकार से रखा जाता है- निर्जला और फलाहारी या जलीय व्रत. सामान्यतः निर्जला व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ व्यक्ति को ही रखना चाहिए. व्रत से एक दिन पूर्व सात्विक भोजन ग्रहण करें.
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जया एकादशी : मंगलवार, 23 फरवरी, 2021
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एकादशी तिथि प्रारंभ : सोमवार, 22 फरवरी,14:04 बजे से
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एकादशी तिथि समाप्त : मंगलवार, 23 फरवरी,15:02 बजे
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पं श्रीपति त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य
Posted By: Sumit Kumar Verma