Jaya Ekadashi 2024: कब है जया एकादशी व्रत? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और पूजा सामग्री की लिस्ट

Jaya Ekadashi 2024: माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस साल जया एकादशी के दिन उपवास रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

By Radheshyam Kushwaha | February 10, 2024 2:28 PM

Jaya Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है. सभी 24 एकादशी व्रत का अपना-अपना महत्व है. माघ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस साल जया एकादशी की तिथि 20 फरवरी 2024 दिन सोमवार को है, इस दिन पूरे ब्रह्मांड के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा और उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि जो लोग जया एकादशी के दिन उपवास रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, इसके साथ ही सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिल जाती है. आइए जानते है कि जया एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में…

जया एकादशी का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 19 फरवरी को सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार जया एकादशी का व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा. वहीं पारण करने का शुभ मुहूर्त 21 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 6 बजकर 55 मिनट से लेकर सुबह के 9 बजकर 11 मिनट तक है, इस दौरान आप पारण कर सकते हैं. इस बार जया एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं, इस दिन आयुष्मान योग के साथ त्रिपुष्कर और प्रीति योग बन रहा है. त्रिपुष्कर योग दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से पूरे दिन रहने वाला है.

एकादशी पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.

  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.

  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.

  • भगवान की आरती करें.

  • भगवान को भोग लगाएं और भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें.

  • भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.

  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.

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जया एकादशी व्रत पूजा समाग्री

भगवान विष्णु की प्रतिमा या मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, लौंग, मौसमी फल, पंचामृत, दीप, घी, धूप, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान आदि पूजन सामग्री में शामिल करें.

जया एकादशी 2024 महत्व

जया एकादशी के महत्व के बारे में पद्म पुराण और भविस्योथर पुराण में किया गया है. भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं पांडवों के सबसे बड़े पुत्र युधिष्ठिर को इस शुभ एकादशी व्रत की महिमा और पालन करने की विधि का भी वर्णन किया. बता दें कि जया एकादशी व्रत को बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है, इस व्रत को करने से अन्य एकादशी से दोगुना फल की प्राप्ति होती है. जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी और शिव जी की पूजा करना शुभ माना जाता है.

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