JEE Main 2023: गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और केंद्र से एक याचिका के बाद तत्काल जवाब मांगा, जिसमें शिकायत की गई थी कि वड़ोदरा के एक छात्र को पहली बार जेईई-मेन्स रिस्पॉन्स शीट में 300 में से 300 अंक ऑनलाइन दिखाए गए थे लेकिन कुछ घंटों के बाद परिणाम बदल गया और रिस्पांस शीट में जीरो अंक हो गए.
कुछ दिनों पहले जेईई-मेन्स परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया था, जिसमें केयूश पटेल के बेटे कुश को पहले 300 में 300 अंक हासिल हुए थे, लेकिन कुछ घंटे के बाद राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) का पोर्टल ने परिणाम बदल दिया और दिखाया कि छात्र ने एक भी प्रश्न हल नहीं किया है. याचिका के अनुसार, कुश एक होनहार छात्र है, जिसने 10वीं कक्षा में 90% अंक हासिल किए थे और वह टीओएससी 22 के फेज-1 के टॉप-100 प्रतिभागियों में शामिल था और उसने फेज-2 के लिए क्वालीफाई किया था. याचिका में इस दावे को साबित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से एक निमंत्रण पत्र पेश किया गया था. कुश के 12वीं के नतीजे आने का इंतजार है.
याचिकाकर्ता ने अपने बेटे के परिणामों को संशोधित करने और जल्द ही आयोजित होने वाली जेईई एडवांस परीक्षा के लिए उसका फॉर्म भरने के लिए नामांकन और अनुमति देने के निर्देश देने का आग्रह किया.
छात्र ने तुरंत एनटीए के प्रमुख के साथ इस मुद्दे को उठाया. इसमें एनटीए की तरफ से कहा गया कि उसकी रिस्पांस शीट को ठीक किया जाएगा लेकिन जब 29 अप्रैल को उनका परिणाम घोषित किया गया, तो इससे उन्हें 7वें पर्सेंटाइल में रैंकिंग दिखाई दी.