Jewar Airport: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की टाइमलाइन, पहली फाइल से लेकर शिलान्यास तक का सफर

जेवर एयरपोर्ट के बनने के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव घटेगा. इसके बनने से दिल्ली-नोएडा के साथ गाजियाबाद, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बरेली, सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़, हाथरस जैसे जिलों को भी बेहद फायदा मिलेगा. इसे यमुना एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2021 1:14 PM

Jewar Airport: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी जेवर (नोएडा) इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कर दिया. इस एयरपोर्ट का निर्माण 2024 में पूरा होगा. इसे एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बताया जा रहा है. जेवर एयरपोर्ट के बनने के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव घटेगा. इसके बनने से दिल्ली-नोएडा के साथ गाजियाबाद, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बरेली, सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़, हाथरस जैसे जिलों को भी बेहद फायदा मिलेगा. इसे यमुना एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा.

राजनाथ सिंह ने तैयार करवाई थी फाइल

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर सियासी गहमागहमी भी दिख रही है. इस पर सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ ही समाजवादी पार्टी और बसपा अपना-अपना दावा जता रही है. अगर तारीखों के हिसाब से देखें तो साल 2001 में पहली बार उत्तर प्रदेश के सीएम रहते हुए राजनाथ सिंह ने जेवर एयरपोर्ट की फाइल तैयार करवाई थी.

2007 में तत्कालीन सीएम मायावती ने एयरपोर्ट का प्रस्ताव केंद्र की कांग्रेस सरकार के पास भेजा था. केंद्र सरकार ने दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का हवाला देकर जेवर में हवाई अड्डे के निर्माण के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. सरकार ने कहा था कि केंद्र और दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट को संचालित करने वाली कंपनी जीएमआर से समझौता है कि 150 किमी के दायरे में दूसरा एयरपोर्ट को नहीं बनाया जाएगा.


जेवर एयरपोर्ट से जुड़ी अहम जानकारियां

  • जेवर एयरपोर्ट के लिए 1,334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण

  • पहले फेज का 36 महीने में निर्माण, चार फेज में निर्माण पूरा

  • पहले फेज के 2023-27 के बीच ऑपरेशनल होने का अनुमान

  • पहले फेज के बाद हर साल 1.2 करोड़ यात्रियों की आवाजाही

  • 2040 से 50 के बीच एयरपोर्ट के फाइनल फेज का निर्माण

  • 2040-50 के बीच हर साल 7 करोड़ पैसेंजर्स की आवाजाही

  • पहले फेज के निर्माण में 8,916 करोड़ के खर्च का अनुमान

  • जेवर एयरपोर्ट जीरो कार्बन उत्सर्जन की तर्ज पर बनाया जा रहा है

2017 में योगी सरकार ने शुरू की कोशिश

साल 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार ने जेवर एयरपोर्ट का प्रस्ताव रद्द कर दिया था. इसी बीच साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी. मोदी सरकार ने तत्कालीन सपा सरकार को जेवर एयरपोर्ट से जुड़ा डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने को कहा था. साल 2017 में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जेवर एयरपोर्ट को काम फिर शुरू किया. अब, 25 नवंबर को शिलान्यास हो गया है.

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