Jewar Airport: उत्तरप्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का गुरुवार को शिलान्यास कर दिया. इसके शिलान्यास के बाद पीएम मोदी ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को पश्चिमी भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बताया. इस एयरपोर्ट का निर्माण 2024 में पूरा होगा. इसे एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बताया जा रहा है. खास बात यह है एयरपोर्ट से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और ब्रज के 30 जिले जुड़ेंगे. एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी राहत देगा.
जेवर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रस्तावित एयरपोर्ट की आगरा से दूरी 130 किमी है. दिल्ली से 72 किमी, ग्रेटर नोएडा से 28 किमी और नोएडा से 40 किमी की दूरी होगी. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट आगरा, मेरठ, मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, हाथरस, गाजियाबाद, नोएडा समेत पश्चिम यूपी और ब्रज क्षेत्र के 30 जिले से जुड़ेगा. यहां नोएडा, मेरठ, आगरा और गाजियाबाद से पहुंचना आसान होगा. हरियाणा के करीबी शहरों से एयरपोर्ट आने-जाने की सुविधा मिलेगी.
उत्तर प्रदेश में बनने जा रहा पांचवें जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक बड़े हिस्से के लिए मददगार होगा. इस एयरपोर्ट को चार एक्सप्रेसवे से सीधे तौर पर जोड़ा जा रहा है. इससे लोगों को आसानी से एयरपोर्ट आने में मदद मिलेगी. एयरपोर्ट से यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे सीधे तौर पर जुड़ेंगे. 2024 में पहले फेज का काम पूरा होगा. जेवर एयरपोर्ट से 2024 में पहली फ्लाइट उड़ेगी. पहले फेज के पूरा होने के बाद 1.2 करोड़ पैंसेजर्स इसका इस्तेमाल करेंगे.
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण 6,200 हेक्टेयर में हो रहा है. इस पर करीब 30,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी. जेवर को एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट कहा जा रहा है. जेवर एयरपोर्ट में दो टर्मिनल और पांच रनवे होंगे. एयरपोर्ट के पूरी तरह बनने के बाद इसके पास छह से लेकर आठ रनवे होंगे. यह देश में किसी भी एयरपोर्ट से सबसे ज्यादा रनवे होगा. यूपी में लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, गोरखपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज और हिंडन (गाजियाबाद) में ऑपरेशन एयरपोर्ट हैं. अयोध्या के एयरपोर्ट का निर्माण भी तेज गति से किया जा रहा है.