रांची के रिम्स में होगा झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह का इलाज, कोर्ट ने दी इजाजत
डॉक्टरों की टीम ने सभी जांच रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें हायर सेंटर भेजने की सलाह दी थी. अदालत ने डॉक्टरों के निर्णय के आलोक में कारा अधीक्षक धनबाद को संजीव सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच रिम्स भेजने का आदेश दिया है.
धनबाद शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के सीसीयू में भर्ती झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रांची भेजा जायेगा. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने शनिवार को इसकी इजाजत दे दी है. संजीव के इलाज के लिए गठित एसएनएमएमसीएच के डॉक्टरों की टीम ने सभी जांच रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें हायर सेंटर भेजने की सलाह दी थी. अदालत ने डॉक्टरों के निर्णय के आलोक में कारा अधीक्षक धनबाद को संजीव सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच रिम्स भेजने का आदेश दिया है.
बता दें कि 13 जुलाई को संजीव सिंह ने अदालत में आवेदन दायर कर अपने निजी खर्च पर बेहतर इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल सीएमसी वेल्लोर या मैक्स मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल साकेत दिल्ली जाने की अनुमति मांगी थी. इधर इलाज के लिए गठित मेडिकल बोर्ड ने जांच संबंधित सभी कागजात जेल प्रशासन को सौंप दिये हैं.
संजीव की हालत में मामूली सुधार
शनिवार को सीसीयू में भर्ती संजीव सिंह की हालत में मामूली सुधार हुआ है. सिर व कमर में दर्द बरकरार है. खाने-पीने के बाद उल्टी होने की समस्या पहले से कम है. डॉक्टरों ने उन्हें ज्यादा समय बेड पर ही रहने की सलाह दी है. बता दें कि मंडलकारा में कुर्सी से गिरकर घायल होने पर संजीव सिंह को एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया है.
संजीव को रिम्स ले जाने नहीं दूंगी : रागिनी
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह ने कहा है कि किसी भी सूरत में संजीव सिंह को रिम्स ले जाने नहीं देंगी. कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हैं. जेल प्रशासन ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है. उनके पति की बीमारी का इलाज रिम्स में संभव नहीं है. अगर रिम्स में इलाज की अच्छी सुविधा रहती तो राज्य के पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो को पहले यहां के बड़े निजी तथा बाद में चेन्नई के अस्पताल में क्यों ले जाया गया. सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो समेत कई बड़े नेताओं को इलाज के लिए क्यों बाहर जाना पड़ा. रिम्स में सुरक्षा व्यवस्था भी ठीक नहीं है. वह हाइ कोर्ट जायेंगी. उनके पति का इलाज धनबाद के निजी अस्पताल में हो. वह इसका खर्च वहन करने को तैयार हैं.