रांची : कोलकाता सीआइडी अब झारखंड से कोलकाता आने-जानेवाले सड़क, रेल और हवाई मार्ग से हुई यात्राओं की पड़ताल में जुट गयी है. तीन विधायकों की बड़ी राशि के साथ गिरफ्तारी के मामले में जानकारी ली जा रही है. पूरे जुलाई महीने में कोलकाता आने-जानेवाले कौन-कौन कांग्रेस विधायक, उनके रिश्तेदार या कोई और विधायक हैं, इसस जुड़े तथ्य खंगाले जा रहे हैं.
रास्तों के टोल प्लाजा व एयरपोर्ट का फुटेज लेने के साथ रेलवे से भी जानकारी ली जा रही है. ज्ञात हो कि हाल ही में सीआइडी ने हावड़ा से कांग्रेस के तीन विधायकों राजेश कच्छप, नमन विक्सल व इरफान अंसारी को 49.37 लाख रुपये की नकदी के साथ गिरफ्तार किया है.
सीआइडी का मानना है कि कुछ विधायक दिल्ली के रास्ते गुवाहाटी गये थे. इनके करीबी रिश्तेदार भी ट्रेन और सड़क के रास्ते कोलकाता आये और गये थे. इसकी जांच के बाद तथ्य मिलने पर सीआइडी के आगे की कार्रवाई करने की संभावना है. यहां बता दें कि इससे पहले दिल्ली और गुवाहाटी में जांच के लिए सीआइडी टीम के जाने पर विवाद हो गया था.
झारखंड के तीन विधायकों से नकदी बरामदगी केस में बंगाल सीआइडी की टीम को रविवार को जांच के दौरान असम में भी बाधा पहुंचायी गयी. पुलिस सूत्र बताते हैं कि रविवार सुबह सीआइडी की टीम अशोक धानुका नामक असम के व्यवसायी के घर पूछताछ के लिए नोटिस देने गुवाहाटी पहुंची थी.
टीम का आरोप है कि जब वह गुवाहाटी में व्यवसायी के घर पहुंचे, तो घर के बाहर असम पुलिस का सख्त पहरा था. व्यवसायी या फिर उनके परिजनों से उन्हें मिलने नहीं दिया गया. इसके बाद सीआइडी टीम व्यवसायी के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर कोलकाता लौट गयी. नोटिस में व्यवसायी को सोमवार सुबह 10 बजे कोलकाता स्थित सीआइडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा गया है.
सीआइडी सूत्रों का कहना है कि कोलकाता में शेयर ट्रेडिंग का काम करने वाले महेंद्र अग्रवाल से हुई पूछताछ में यह बात सामने आयी कि असम के प्रतिष्ठित व्यवसायी अशोक धानुका ने राशि महेंद्र को दी थी. इसके बाद ये रुपये कोलकाता में तीन विधायकों तक पहुंचाये गये.
प्रलोभन देकर भाजपा ने हमारे विधायकों को फंसा दिया है, इसलिए मुझे अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करानी पड़ी. इसी मामले में बंगाल सीआइडी ने मुझे सोमवार को बुलाया है. यह बात बेरमो विधायक कुमार जयमंगल ने रविवार को कही. उन्होंने कहा कि मेरा तीनों विधायकों से निवेदन है कि वह सीआइडी के सामने सच्चाई रखें. एक सवाल के जवाब में विधायक ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करना या नहीं करना, सीएम के हाथ में है. मैंने किसी लोभ में सरकार नहीं बचायी. गठबंधन धर्म के तहत सरकार बचायी है.