Loading election data...

झारखंड के बूढ़ा पहाड़ में Naxalites की घेराबंदी, जंगल में लगातार विस्फोट से दहला इलाका

Jharkhand Naxal News : झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के थलिया और तिसिया के जंगल में जोरदार विस्फोट से आसपास का क्षेत्र दहल उठा. जिस इलाके में विस्फोट हुआ है, वह गढ़वा, लातेहार और छत्तीसगढ़ सीमा का पिनपॉइंट है. इससे स्थानीय ग्रामीणों में दहशत है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2022 4:56 PM
an image

Jharkhand Naxal News : झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के थलिया और तिसिया के जंगल में जोरदार विस्फोट से आसपास का क्षेत्र दहल उठा. जिस इलाके में विस्फोट हुआ है, वह गढ़वा, लातेहार और छत्तीसगढ़ सीमा का पिनपॉइंट है. इससे स्थानीय ग्रामीणों में दहशत है. घटना के बाद सतर्क होकर सुरक्षा बलों की ओर से सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है. 25 लाख के इनामी नक्सली सौरभ समेत 40 से 50 माओवादियों के बूढ़ा पहाड़ में कैंप करने की सूचना है. बताया जा रहा है कि आज 11 बजे से 3 बजे तक करीब 35 से 40 विस्फोट हुआ है.

बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में पुलिस का सबसे बड़ा अभियान

बूढ़ा पहाड़ के आसपास के क्षेत्रों 2018 के बाद माओवादियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के क्रम में बूढ़ापहाड़ से दूर थलिया एवं तिसिया में विस्फोट की घटना हुई. इलाका दुरूह होने के कारण यह पता नहीं चल पाया है कि विस्फोट माओवादियों ने किया है या माओवादियों द्वारा लगाए गए लैंड माइंस को सुरक्षाबलों ने नष्ट किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार अभियान के दौरान सुरक्षा बल सभी एसओपी का पालन कर रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों के खिलाफ अभियान का शुक्रवार को दूसरा दिन है. बूढ़ा पहाड़ इलाके में इस अभियान में सुरक्षा बलों की 40 से अधिक कंपनियों को तैनात किया गया है.

Also Read: झारखंड में नक्सलियों की साजिश नाकाम, Search Operation में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, IED बम बरामद

लंबे समय बाद बूढ़ा पहाड़ में चलाया जा रहा है अभियान

बूढ़ा पहाड़ करीब 55 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी सीमा झारखंड के लातेहार, गढ़वा और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से सटी है, जो माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है. बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों से मुक्त कराना बड़ी चुनौती है. 2018 में अभियान के क्रम में सुरक्षा बलों को नुकसान हुआ था एवं छह जवान शहीद हुए थे. 2018 के बाद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तीन दिनों का पहली बार अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में कोबरा, जगुआर एसाल्ट ग्रुप, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ जैप और आईआरबी ने इलाके में घेराबंदी की है, जबकि कोबरा और जगुआर माओवादियों के खिलाफ स्ट्राइक कर रही है.

Also Read: JSCA ने कीनन स्टेडियम में Amitabh Choudhary को दी श्रद्धांजलि, बहनों और खिलाड़ियों ने उन्हें ऐसे किया याद

40 से 50 माओवादियों के बूढ़ा पहाड़ में कैंप करने की सूचना

माओवादियों ने 2013-14 में बूढ़ा पहाड़ को झारखंड बिहार उत्तरी छत्तीसगढ़ सीमांत एरिया स्पेशल कमिटी का मुख्यालय बनाया था. इसी इलाके से माओवादी झारखंड, बिहार और उत्तरी छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके में सारी गतिविधि का संचालन करते हैं. एक करोड़ का इनामी मृत माओवादी कमांडर अरविंद ने बूढ़ा पहाड़ को ठिकाना बनाया था. फिलहाल बूढ़ा पहाड़ के इलाके में 25 लाख के इनामी माओवादी सौरभ उर्फ मरकस बाबा के नेतृत्व में माओवादी 40 से 50 की संख्या में कैम्प कर रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में नवीन यादव , रबिन्द्र गंझू, मृत्युंजय भुइयां, संतु भुईयां जैसे टॉप माओवादियों के शरण लेने की सूचना है.

रिपोर्ट : कृष्णा प्रसाद गुप्ता, गारु, लातेहार

Exit mobile version