झारखंड : कोयलांचल में ठंड का प्रकोप, ठिठूर रहे लोग, न्यूनतम पारा पहुंचा 11 डिग्री

कोयलांचल में ठंड का प्रकोप जारी है. लोग ठिठुर रहे हैं. बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं. रविवार तक ठंड का प्रकोप जारी रहेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 21, 2023 1:49 AM

कोयलांचल में ठंड का प्रकोप जारी है. लोग ठिठुर रहे हैं. बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं. रविवार तक ठंड का प्रकोप जारी रहेगा. सोमवार से ठंड से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को अधिकतम 25 डिग्री व न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. हालांकि बुधवार को शीतलहर थोड़ी कम थी. दोपहर ढाई बजे तक धूप थी, इसके बाद आसमान में हल्के बादल छा गये. दोपहर तक तापमान 25 डिग्री था. बादल छाने के बाद तापमान में गिरावट आने लगी और शाम होते ही पारा लुढ़कर 11 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. गुरुवार व शुक्रवार को बादल छाये रहेंगे. सोमवार से मौसम साफ होगा. इधर, ठंड को देखते हुए प्रशासन की ओर से कुछ चौक-चौराहों पर ही अलाव की व्यवस्था करायी गयी है. नगर निगम की ओर से रेस्क्यू चलाया जा रहा है. सड़क के किनारे सोए हुए गरीबों को रेस्क्यू कर रैन बसेरा पहुंचाया जा रहा है.

संजीव को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर कोयलांचल में हर्ष

हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार एवं उपन्यासकार संजीव को उनके उपन्यास ”मुझे पहचानो” के लिए वर्ष 2023 का साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है. ”मुझे पहचानो” उपन्यास सती प्रथा की विसंगतियों और व्यथा की ओर बहुत धैर्य और विस्तार से ध्यान खींचता है. 06 जुलाई 1947 को बांगरकलां, सुलतानपुर (उत्तरप्रदेश) में जन्मे संजीव का हिंदी कथा साहित्य में बहुमूल्य योगदान रहा है.अब तक तेरह से अधिक कहानी संग्रह, चौदह उपन्यास, दो बाल उपन्यास और दो नाटक की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनको अबतक कथाक्रम सम्मान, इंदू शर्मा अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान, गणमित्र सम्मान, पहल सम्मान, श्रीलाल शुक्ल इफ्को सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. इनकी कहानियों एवं उपन्यासों पर देश के कई प्रतिष्ठित विश्विधालयों में शोधकर्ताओं द्वारा शोध कार्य जारी है. मूर्धन्य आलोचक नामवर सिंह का कथन है कि ”मेरी राय में संजीव का मूल्यांकन करना भारी काम है. इसे इत्मीनान से करने की ज़रूरत है.”

Also Read: धनबाद : मुहाना भरने के कुछ घंटे बाद ही एएमपी कोलियरी में फिर कोयला चोरी शुरू, मजदूरों से कराया जा रहा अवैध खनन

संजीव का कर्मक्षेत्र कुलटी (पश्चिम बंगाल) था, मगर कोयलांचल से उनका गहरा रिश्ता था. धनबाद में होने वाले साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित होती थी. धनबाद में हुए कथा शिविर -85 के आयोजकों में एक संजीव भी थे. संजीव का धनबाद में जिन लेखकों कवियों से गहरा संबंध था उनमें सुपरिचित कवि मदन कश्यप,अनवर शमीम, आलोचक श्रीनारायण समीर,”कतार”के संपादक बृजबिहारी शर्मा, कथाकार नारायण सिंह, पत्रकार पलाश विश्वास और उपन्यासकार श्याम बिहारी श्यामल के नाम उल्लेखनीय हैं.

उनके पुराने साथी कवि एवं संपादक ”रेखांकन” अनवर शमीम ने कहा कि संजीव भाई को साहित्य अकादमी पुरस्कार बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था. मगर देर से ही सही, यह एक सही फ़ैसला है. समकालीन हिंदी कथा लेखन में संजीव की क़द का दूसरा कोई कथाकार दूर-दूर तक नज़र नहीं आता. अभी उनकी कहानियों एवं उपन्यासों का समग्र मूल्यांकन होना बाक़ी है. उन्होंने अपने समय-समाज का बहुत ही बारीकी से अध्ययन किया है जो उनकी रचनाओं में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. आलोचक कुमार अशोक ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि संजीव इस पुरस्कार के वाजिब हक़दार थे, जो अब साकार हुआ है. उनका रचना संसार और अधिक विस्तार पाये हम यही चाहते हैं. इनके अलावा प्रसन्नता व्यक्त करने वालों में कथाकार रूपलाल बेदिया, युवा कवि डॉ लालदीप, उर्दू पत्रिका ”शहपर” के संपादक अहमद फ़रमान, उर्दू आलोचक डॉ.आसिफ़ सलीम, शायर नसीम अख़्तर नसीम शामिल हैं.

Also Read: धनबाद : ओवर थिंकिंग से बचें, मनपसंद संगीत सुनें, खुद को व्यस्त रखें, चिकित्सक ने दिये सुझाव

Next Article

Exit mobile version