profilePicture

मगध व आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट के ट्रांसपोर्टरों से नक्सलियों ने वसूली कर अर्जित की अकूत संपत्ति

मगध और आम्रपाली कोल परियोजना के कोयला ट्रांसपोर्टरों से उग्रवादी संगठनों ने लेवी वसूल कर अकूत संपत्ति अर्जित की है. पुलिस ने टीएसपीसी के उग्रवादी द्वारिका सिंह को गिरफ्तार किया था

By Sameer Oraon | April 16, 2022 9:25 AM
an image

चतरा : चतरा में मगध और आम्रपाली कोल परियोजना के कोयला ट्रांसपोर्टरों से उग्रवादी संगठन टीपीसी व टीएसपीसी के नाम पर लेवी वसूली कर संचालन समिति के सदस्यों ने अकूत संपत्ति अर्जित की है. इसका खुलासा टंडवा थाना में लेवी वसूली को लेकर दर्ज तीन अलग-अलग केस के आरंभिक अनुसंधान में पुलिस ने किया है. टंडवा थाना में एक केस इंस्पेक्टर बंधन भगत की शिकायत पर 14 मई 2018 को दर्ज हुआ है.

इसमें पुलिस ने टीएसपीसी के उग्रवादी द्वारिका सिंह को गिरफ्तार किया था. दूसरा केस टंडवा थाना में 24 मई 2018 को दर्ज हुआ. इसमें पुलिस ने 1.70 लाख रुपये के साथ मो इस्राफिल, अर्जुन गंझू व सुबोध गंझू को गिरफ्तार किया था. तीसरा केस 21 मई 2018 को दर्ज हुआ. इसमें लखन साव गिरफ्तार हुआ.

संचालन समिति के इन सदस्यों व उग्रवादियों पर दर्ज हैं केस : सुमन कुमार दास, अरविंद कुमार, मंटू सिंह, सुरेश प्रसाद उर्फ सुरेश साव, आशीष चौधरी, कैलाश गंझू, अमलेश दास, सूरज उरांव, जयराम उरांव, परमेश्वर उरांव, रामलाल उरांव, राजेंद्र उरांव, किशुन पासवान, विनोद भुइयां, महेश राम, प्रदीप राम,

जुगल यादव, संजीव यादव, कन्हाई राम, रघुवीर साहू, दिनेश्वर साहू,आदित्य साहू, सुरेंद्र कुमार, रामलखन साहू, संतोष यादव, विजय साहू, राजेश कुमार, उमेश यादव, हुलास यादव, बिंदु गंझू, ब्रजेश भोक्ता,आक्रमण, भीखन गंझू, लक्ष्मण गंझू, अनिश्चय गंझू, सौरभ, देवेंद्र जी, अर्जुन गंझू, विनोद, कबीर, संगम जी, अभिमन्यु, मुनेश, प्रशांत, परमेश्वर, मनोहर, बीरबल, तुलसी, छोटू सिंह.

रिश्तेदारों के नाम पर खोली कई कंपनियां

2018 से 2021 की आरंभिक जांच रिपोर्ट में पुलिस ने पाया है कि संचालन समिति के सदस्यों को उग्रवादियों का संरक्षण प्राप्त है. संचालन समिति की मदद से उग्रवादी 250 रुपये प्रति टन के हिसाब से लेवी वसूलते हैं. इस राशि से समिति के सदस्यों ने चतरा समेत अन्य जिलों में अकूत संपत्ति अर्जित की है. टंडवा में उनकी ओर से रिश्तेदारों के नाम पर कई कंपनियां खोली गयी हैं. संचालन समिति के सदस्य जो लेवी वसूलते हैं, उसे उग्रवादियों तक पहुंचाया जाता है. इससे वे हथियार खरीदते हैं. हालांकि यह अनुसंधान का विषय है कि संचालन समिति के सदस्यों या उनके परिवार के बैंक अकाउंट में कितने पैसे हैं और उनके नाम पर कौन-कौन सी कंपनियां हैं.

Posted By: Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version