Jharkhand Crime News: बिहार के नालंदा निवासी व्यवसायी गौरव रंजन से 14 लाख रुपये ठगी के मामले में दो जालसाजों को कोडरमा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जालसाज गयानंद पासवान को कोलकाता स्थित उसके ससुराल से और संजय मिश्रा उर्फ लक्ष्मीकांत उर्फ संजय पांडेय को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया है. दोनों हजारीबाग के कोर्रा थाना क्षेत्र के सियारी सिंदूर के निवासी हैं. लक्ष्मीकांत के पास से साढ़े सात लाख रुपये नकद, पांच सौ की नोट साइज का कागज का कटिंग कर बनाया हुआ 12 बंडल, तीन मोबाइल, विभिन्न बैंकों का खाता, एटीएम कार्ड, चेक बुक, कई आधार कार्ड, पैन कार्ड बरामद किये गये हैं. गयानंद के पास से मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है. इसका प्रयोग वह ठगी मामले में करता था. घटना को लेकर कोडरमा पुलिस ने जो जानकारी दी है, वह चौंकानेवाली है.
ठगों ने नालंदा के गौरव से किया संपर्क
पुलिस के अनुसार, कुछ ठगों ने व्यवसायी को नालंदा के ही रहनेवाले उनके करीबी गौरव रंजन के माध्यम से संपर्क किया. व्यवसायी को प्रलोभन दिया गया कि आप जितना व्हाइट मनी खाते में ट्रांसफर करेंगेे, एक मंत्री जी उसका दोगुना रकम अापको नगद देंगे. एक झटके में पैसा डबल होने की बात पर व्यवसायी ठगों के झांसे में आ गये. 14-15 जुलाई को ठगों ने 14 लाख रुपये लेकर गौरव को कोडरमा रेलवे स्टेशन बुलाया़ गौरव अपनी मां के साथ नालंदा से कार से वहां आये. उनके साथ नालंदा का उनका वह करीबी भी था, जो ठगों के संपर्क में था.
RTGS के जरिए 14 लाख रुपये कराया ट्रांसफर
कोडरमा स्टेशन से ठग गौरव व उनकी मां को ब्लॉक रोड स्थित किराये के मकान में ले गये. वहां पर उन्हें एक कार्टून में नोटों का बंडल दिखाया. इसके बाद पैसे वाला कार्टून गौरव के कार पर रखवा दिया गया़ इसके बाद ठग उन्हें कार में बैठा कर चाराडीह तालाब के पास ले गये. वहां बातों में फंसाकर जालसाजों ने गौरव से 14 लाख रुपये अपने दो बैंक खाताें में RTGS के जरिए ट्रांसफर करवाया. इसके बाद ठगों के गैंग के कुछ सदस्य जो पुलिस की वर्दी में थे, उन्होंने चाराडीह के पास व्यवसायी की कार को रोका. इसके बाद कोर में बैठे जालसाज संजय मिश्रा को पीटते हुए अपनी गाड़ी में बैठा लिया और व्यवसायी को छोड़ दिया.
ठगी का शिकार होने के पर पुलिस से की शिकायत
गौरव को गिरोह के दूसरे सदस्यों ने बताया कि मामला अब पुलिस का हो गया है, लेकिन आप चिंता मत कीजिये, आपको 28 लाख की राशि कल मिल जायेगी. अगले दिन पैसा नहीं मिलने पर गौरव को पता चला कि वे ठगी के शिकार हो गये हैं. इसके बाद उन्होंने नालंदा से ही पांच-छह दिनों बाद पुलिस से ऑनलाइन शिकायत की. जानकारी मिलने पर कोडरमा पुलिस ने उन्हें कोडरमा बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली. इसके बाद व्यवसायी से तिलैया थाना में 25 जुलाई को प्राथमिकी करायी गयी.
Posted By: Samir Ranjan.