झारखंड के पाकुड़ जिला की रहनेवाली 11 वर्षीय पहाड़िया आदिम जनजाति नाबालिग से दिल्ली में रेप का मामला सामने आया है. मामले में मंगलवार को नाबालिग के बयान में कोतवाली एएचटीयू थाना की पुलिस ने जीरो एफआइआर दर्ज की. साथ ही मामले को अनुसंधान के लिए एएचटीयू पाकुड़ पुलिस के पास भेज दिया है. नाबालिग ने बताया कि वह कभी स्कूल नहीं गयी. उसके पिता का देहांत हो चुका है और मां मजदूरी करती है.
वह तीन-भाई बहनों में सबसे बड़ी है. करीब तीन हफ्ते पहले उसकी मां के पास बेदा पहाड़िया और सद्दाम पहुंचे थे. उन्होंने दिल्ली में काम दिलाने का लालच देकर नाबालिग को दिल्ली जाने के लिए राजी कर लिया. साथ ही 10 हजार रुपये भी दिये. कहा कि जब काम लगेगा, तो और पैसे मिलेंगे.
इसके बाद सद्दाम और बेदा पहाड़िया नाबालिग के साथ गांव की तीन अन्य लड़कियों और एक लड़के (सभी की उम्र 13 से 14) को दिल्ली ले गये. आरोपियों के साथ कुछ अन्य लोग भी थे. दिल्ली ले जाने के बाद सभी को शकूरपुर स्थित एक घर में रखा गया था. यहां पहले से ही कुछ लड़के-लड़कियां रहते थे. कुछ दिन बाद आरोपी एक-एक कर सभी बच्चों को काम पर लगाने लगे. जबकि नाबालिग उसी घर में झाड़ू-पोछा का काम करने लगी. वहां एक और लड़की खाना बनाती थी.
नाबालिग लड़की ने बताया कि एक रात सद्दाम शराब पीकर उसके कमरे में घुस गया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा. जब नाबालिग चिल्लाने लगी, तो आरोपी ने उसके साथ मारपीट की. उसे काटकर फेंकने की धमकी दी. इसके बाद उसने नाबालिग के साथ रेप किया. इस घटना के बाद आरोपी नाबालिग के साथ लगातार रेप करता था.
बाद में किसी तरह नाबालिग दो अन्य लड़कों के साथ वहां से भागकर बिना पैसे के दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची. वहां से ट्रेन से बिना टिकट के ही रांची पहुंची. रांची रेलवे स्टेशन में सोमवार को संदिग्ध अवस्था में देखकर आरपीएफ ने नाबालिग की मदद की और मंगलवार को उसे एएचटीयू पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया. यहां महिला पुलिस पदाधिकारी ने नाबालिग का बयान दर्ज किया. जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई होगी.