लोहरदगा में युवक की गोली मारकर हत्या, फोन आने पर निकला था घर से बाहर

लोहरदगा में दो हथियारबंद अपराधियों ने एक युवक को गोली मारकर फरार हो गया. परिजन इलाज के लिए युवक को कुड़ू सीएचसी पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद आसपास के गांवों में दशहत का माहौल है.

By Nutan kumari | August 25, 2023 12:56 PM
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कुड़ू (लोहरदगा), अमित कुमार राज : कुड़ू और चंदवा थाना की सीमा पर स्थित चंदवा थाना क्षेत्र के जमुआरी गांव निवासी सहंगू महतो के पुत्र प्रदुम्मन यादव की गुरुवार देर शाम दो हथियारबंद अपराधियों ने गोली मारकर फरार हो गया. परिजन इलाज के लिए युवक को कुड़ू सीएचसी पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद आसपास के गांवों में दशहत का माहौल उत्पन्न हो गया है. मृतक चंदवा वन क्षेत्र के जमुआरी, बेलंगा और हेसालोंग वन क्षेत्र में वन सुरक्षा समिति का सदस्य था और वनों की रक्षा करता था. घटना की सुचना के बाद चंदवा थाना पुलिस कुड़ू पहुंचीं और शव को कब्जे में करते हुए लातेहार सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

क्या है पूरा मामला

बताया जाता है कि जमुआरी गांव निवासी सहंगू महतो का पुत्र प्रदुम्मन यादव गुरुवार को कुड़ू से वापस लौटने के बाद खाना खाने की तैयारी कर रहा था. इसी बीच मोबाइल पर किसी का फोन आया. फोन पर बात करते हुए घर से बाहर जैसे ही निकला घर के बाहर घात लगाया दो हथियारबंद अपराधियों ने कनपटी में सटाकर गोली मार दी. प्रदुम्मन यादव को दो गोली मारने के बाद दोनों अपराधी पैदल जंगल की तरफ भाग निकले. गोली की आवाज सुनकर परिजन बाहर निकले तो सड़क में प्रदुम्मन को गिरा पाया और माथे से खून बहता देख आनन – फानन में इलाज के लिए कुड़ू सीएचसी पहुंचाया. जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया. युवक की हत्या के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे.

इधर, युवक की हत्या के पीछे जमुआरी, बेलंगा और हेसालोंग वन क्षेत्र से सफेद पत्थर निकालने वाले माफियाओं का हाथ है. कुछ दिन पहले युवक के साथ सफेद पत्थर निकालने वाले माफियाओं के साथ युवक की तकरार हुई थी. हत्या की घटना को उसी मामले से जोड़ कर देखा जा रहा है. चंदवा पुलिस मामले की जांच कर रही है. बताया जाता है कि मृतक के पिता सहंगू महतो पूर्व में माओवादी संगठन फे जुड़े हुए थे. पिछले चार साल पहले मामले में सरेंडर किये थे. जमानत मिलने के बाद वापस अपने गांव में रहकर खेती-बाड़ी कर रहे थे. घटना के बाद परिजनों का हाल बेहाल है.

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