झारखंड के बड़कागांव में अनोखी परंपरा, गांवाट पूजा के बाद धनरोपनी हुई शुरू, खेतों में गूंज रहे कजरी गीत
Jharkhand News : झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव में लंबे दिनों बाद बारिश होने से धनरोपनी शुरू हो गई है. बड़कागांव प्रखंड में धनरोपनी शुरू करने की परंपरा अनोखी है. यहां परंपरा है कि पहले गांवाट की पूजा की जाती है. तब धनरोपनी शुरू होती है.
Jharkhand News : झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव में लंबे दिनों बाद बारिश होने से धनरोपनी शुरू हो गई है. बड़कागांव प्रखंड में धनरोपनी शुरू करने की संस्कृति अनोखी है. यहां परंपरा है कि पहले गांवाट की पूजा की जाती है. तब धनरोपनी शुरू होती है. इस दिन लोग अपने-अपने घरों में अपने गांवाट एवं कुलदेवता को महुआ शराब को टपान से पूजा पाठ करते हैं. कुछ लोग घरों में मुर्गा की बलि भी देते हैं. खेतों में अरवा-चावल-गुड़ और दूध से पूजा की जाती है. इसे पचाठी कहा जाता है. बड़कागांव के पंडरिया के ग्राम नायक जेठी गंझू द्वारा पूजा-अर्चना करने के बाद धनरोपनी शुरू की गई. बड़कागांव में घनश्याम भुइयां द्वारा गांवाट की पूजा की गई. चमगढ़ा में ग्राम मुख्य पुजारी बुद्धि नाथ महतो एवं गांवाट के पुजारी नाया घढोटन भुइयां द्वारा पूजा पाठ किए जाने के बाद धनरोपनी शुरू की गई. धान के खेतों में रोपनी व कजरी गीत गूंज रहे हैं.
खेतों में धनरोपनी गीत गा रहीं महिलाएं
किसान बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे थे. मौसम की बेरुखी से किसान परेशान थे, लेकिन दो दिनों से शुरू हुई रिमझिम और फिर झमाझम बारिश से किसानों की खुशी बढ़ गई है. रोपनी को लेकर किसान तो पहले से ही सजग थे, अब मनोबल और बढ़ गया है. जल्द धान की रोपनी पूरी करने की होड़ लगी है. ऐसे में महिला कामगारों द्वारा बारिश की फुहार के बीच रोपनी की जा रही है. पंडरिया में खेतों में ढोल नगाड़े के साथ नृत्य और झूमर किया गया. धान के खेतों में रोपनी व कजरी गीत गूंज रहे हैं. खेतों में रोपनी करती महिलाएं ‘बरसे बरसे सावनवां चुवेला बंगला, परदेशियां बलमू के कवन आसरा…’ एवं ‘उमड़ी-उमड़ी के बरसेला सावनवां ए रामा..’ जैसे गीत गा रही हैं. किसान जोताई के साथ ही अन्य तैयारियों में जुट गए हैं. भीषण गर्मी के बीच रोपनी करने वाली महिलाएं राहत की सांस ले रही हैं. खेतों में धान की रोपनी को लेकर उत्साह है.
क्या कहते हैं किसान
किसान बिनोद महतो और अर्जुन महतो ने बताया कि बारिश को लेकर किसानों में उत्साह है. फागुन महतो और झमन महतो ने कहा कि मौसम के बदलते मन-मिजाज के बाद जिनका बिचड़ा अभी तैयार नहीं हुआ है, वे भी अपने खेत की जोताई में भिड़ गए हैं. किसानों को उम्मीद है कि आगे अच्छी बरसात होगी और बेहतर उत्पादन होगा. कुलेश्वर राम ने कहा कि यकायक बारिश शुरू होने से खेतों में काम करने वाले मजदूरों की समस्या होने लगी है. गणेश राम ने कहा कि खेतों में रोपनी के लिए मजदूरों के साथ-साथ जोताई के लिए ट्रैक्टरों की भी मांग बढ़ गई है. ऐसे में हर कोई जल्द अपना काम निकालने में लगा है.
रिपोर्ट : संजय सागर, बड़कागांव, हजारीबाग