… जब जगरनाथ महतो ने आम छात्रों की तरह लाइन में खड़े होकर कराया था इंटर में नामांकन
झारखंड के शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने 53 साल की उम्र में इंटर में नामांकन कराया था. मैट्रिक पास करने के 25 साल बाद इंटरमीडिएट में बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड मुख्यालय स्थित देवी महतो स्मारक इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट आर्ट्स में दाखिला लिया था.
Jagarnath Mahto: जहां चाह, वहां राह, शिक्षा पाने की कोई उम्र नहीं होती. इन पंक्तियों को चरितार्थ करने का काम किया, झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने. झारखंड के शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने 53 साल की उम्र में इंटर में नामांकन कराया था. मैट्रिक पास करने के 25 साल बाद इंटरमीडिएट में बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड मुख्यालय स्थित देवी महतो स्मारक इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट आर्ट्स में दाखिला लिया था. उन्होंने एक विषय राजनीति विज्ञान भी रखा था. हालांकि, वर्ष 20.22 में उन्हें परीक्षा में शामिल होना था, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से शामिल नहीं हो सके थे.
खुद लाइन में खड़े होकर कराया था नामांकन
अगर उस समय की बात करें तो शिक्षा मंत्री खुद कार्यालय कक्ष पहुंचे थे और नामांकन शुल्क के रूप में 11 सौ रुपये भी जमा किये थे. साथ ही शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो एक आम छात्र की तरह लगभग 15 मिनट तक एडमिशन काउन्टर पर खड़े थे. बाकी छात्र उन्हें देखकर काफी खुश नजर आए थे और शिक्षा मंत्री ने भी कहा था कि अब कॉलेज में हमेशा आप लोगों के साथ मुलाकात होती रहेगी, क्योंकि मुझे भी क्लास करनी है, तभी परीक्षा में पास हो पायेंगे. जानकारी हो कि जगरनाथ महतो ने राज्य संपोषित नेहरू उच्च विद्यालय, तेलो (चंद्रपुरा प्रखंड) से मैट्रिक की परीक्षा वर्ष 1995 में सेकेंड डिवीजन से पास की थी.
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मंत्री बनने के बाद भी जीवन शैली में नहीं आया बदलाव
हालांकि, इसके बाद जब वह झारखंड आंदोलन का हिस्सा बने तब उन्हें आगे की पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. हालांकि, उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि मंत्री बनने के बाद भी उनके जीवनशैली में किसी तरह का बदलाव नहीं आया था. वे अपने पूरे परिवार के साथ खेती किया करते थे. कहा ये भी जाता है कि हर सुबह वह भरपेट माड़-भात खाते थे. गरीब परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से जीवन का संघर्ष से वो भलिभांति परिचित थे. वो कहते थे कि 24 घंटे में 18 घंटे जनता की सेवा में लगा रहता हूं.