PHOTO: साहिबगंज में तेजी से बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर, एक लाख की आबादी पर मंडराया खतरा
साहिबगंज जिले में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इसकी वजह से एक लाख लोगों के साथ-साथ 40 हजार मवेशियों के भी प्रभावित होने की आशंका है. जिला प्रशासन से लेकर सदर प्रखंड एवं अंचल प्रशासन तक अलर्ट है.
साहिबगंज, अमित सिंह : झारखंड के आखिरी छोर पर बसे साहिबगंज जिला में गंगा नदी उफान पर है. एक लाख की आबादी इससे प्रभावित होने वाली है. 40 हजार मवेशी भी गंगा में आने वाली बाढ़ से प्रभावित होती है. जिले के सदर प्रखंड की 12 पंचायतों में से 11 पंचायत बाढ़ की चपेट में आ जाती है.
सदर अंचल के राजस्व कर्मचारी अजय मंडल बताते हैं कि गंगा में बाढ़ आने पर सदर प्रखंड की 11 पंचायतों के एक लाख लोग प्रभावित होते हैं. उनके साथ उनके मवेशियों को भी बाढ़ से जूझना पड़ता है. प्रशासन बाढ़ से निबटने के लिए तैयार है. अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है.
गंगा का जलस्तर चेतावनी के स्तर को पार कर चुका है. गंगा अभी खतरे के निशान से मात्र 49 सेंटीमीटर ही नीचे है. बता दें कि चेतावनी स्तर से 51 मीटर ऊपर बह रही है गंगा. एक लाख की आबादी को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन की ओर से सुविधा के अनुसार, अब तक 14 राहत शिविर बनाये जाते रहे हैं.
राजस्व कर्मचारी ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित मवेशियों के लिए सदर प्रखंड में तीन राहत शिविर बनाये जाते हैं. बाढ़ के समय जान-माल की सुरक्षा के लिए गोताखोरों को भी तैनात किया जाता है. जिला प्रशासन ने चार गोताखोरों की व्यवस्था कर रखी है.
गंगा के जलस्तर पर वरीय अधिकारियों की भी नजर बनी हुई है. सदर अंचल प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों की सूची तैयार की जा रही है. जिला पशुपालन विभाग भी अलर्ट मोड में है.
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ धनिक लाल मंडल ने कहा है कि पशु चारा का टेंडर जिला में हो चुका है. साहिबगंज जिले के 20 पशु चिकित्सालयों में पशुओं को होने वाली हर तरह की बीमारी की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 9 पशु चिकित्सालय मौजूद हैं.