नीरज अंबष्ट, धनबाद : धनबाद में फुटबॉल की दशा और दिशा सुधारने के लिए ग्रासरूट लेवल पर कुछ विशेष होने जा रहा है. यहां के प्रतिभावान युवा खिलाड़ी वर्षों से बेहतर ट्रेनिंग की आस लगाये बैठे हैं. ऐसे खिलाड़ियों का सपना जल्द पूरा होगा. केंद्र सरकार ने खेलो इंडिया की तरफ से देश के नामी फुटबॉलर संजय कुमार पारते को कोच नियुक्त किया है. श्री पारते फुटबॉल खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारेंगे. शहर की आठ लेन पर नावाडीह में स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स टेकओवर होते ही ट्रेनिंग शुरू हो जायेगी. ऐसा माना जा रहा है कि मंगलवार से फुटबॉलरों का वहां जुटान शुरू होगा. जिला खेल पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि ग्राउंड खेलने लायक पूरी तरह तैयार है. यहां बच्चों से लेकर युवा खिलाड़ी तक फुटबॉल के गुर सीख पायेंगे. उन्होंने कहा कि कई बच्चे क्रिकेट खेलने के लिए बीच ग्राउंड में गड्ढे बना दे रहे हैं, जो गलत है. उनके लिए बगल में गोल पोस्ट के पास पर्याप्त स्थान है. वे लोग वहां खेल सकते हैं.
फुटबॉल सेंटर के लिए 30 खिलाड़ियों का चयन
दिलीप कुमार ने बताया कि मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के फुटबॉल सेंटर में ट्रेनिंग के लिए पूर्व में हुए ट्रायल के आधार पर 30 खिलाड़ियों का चयन किया गया है. इनमें 15 बालक और 15 बालिकाएं हैं. इनकी ट्रेनिंग के लिए ग्राउंड में चारों तरफ घास लगायी गयी है. जल्द ही सात हाइमास्ट लाइट लगायी जायेगी. ग्राउंड की देखभाल के लिए दो ग्राउंडमैन के साथ नौ सुरक्षाकर्मी भी नियुक्त किये गये हैं, जो 24 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं. गोल पोस्ट के अलावा खिलाड़ियों के लिए ड्रेसिंग रूम, बाथरूम व अन्य सुविधाएं बहाल की गयी हैं.
मोहन बगान से इंडिया टीम तक खेल चुके है संजय
कोच संजय कुमार पारते देश के नामी फुटबॉलरों में गिने जाते हैं. वह बोकारो के सेक्टर 9 के निवासी हैं. धनबाद में कोच बनने से पहले वह अंडर 19 इंडिया, अंडर 21 इंडिया, इंडिपेंडेंस कप मालदीव के अलावा मोहनबाग कोलकाता, ईस्ट बंगाल कोलकाता, मुंबई, गोवा समेत कई राज्यों की तरफ से खेल चुके है. वहीं वेस्टर्न इंडिया यूनाइटेड, वाइचुंग भुटिया स्कूल मुंबई के अलावा कई बड़े संस्थानों में कोचिंग दे चुके हैं.
2007 में शुरू हुआ कार्य, 2014 में बन कर हुआ तैयार
मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था. यह वर्ष 2014 में बन कर तैयार हुआ. तीन माह पहले कॉम्प्लेक्स धनबाद खेल विभाग को हैंडओवर हुआ था. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनने के बाद भी खिलाड़ियों को यहां खेलने का मौका नहीं मिल रहा था. बीच-बीच में निजी कार्यक्रम जरूर होते रहे.
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