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Jharkhand: झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह अधिवक्ता से एकांत में कर सकेंगे बात, कोर्ट से मिली अनुमति

धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले की सुनवाई एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में हुई. जहां जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह की ओर से दायर आवेदन पर आदेश पारित करते हुए अधिवक्ता से एकांत में बात करने की दी.

By Rahul Kumar | November 2, 2022 11:19 AM
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धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले की सुनवाई एमपी/एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में हुई. अदालत ने जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह (Bjp Leader Sanjeev Singh) की ओर से दायर आवेदन पर आदेश पारित किया. अदालत ने संजीव सिंह को उनके अधिवक्ता मो जावेद से एकांत में बात करने की अनुमति दे दी है.

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई पेशी

अदालत में संजीव सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, डब्लू मिश्रा, धनजी , संजय सिंह, विनोद सिंह, अमन सिंह, सागर सिंह उर्फ शिबू, चंदन सिंह उर्फ रोहित सिंह, सोनू उर्फ कुर्बान अली, पंकज सिंह की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कराई गई. वहीं अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक कुलदीप शर्मा ने बचाव साक्ष्य बंद करने की आग्रह अदालत से किया. अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख सात नवंबर मुकर्रर कर दी.

संजीव सिंह ने मांगी थी अनुमति

नीरज सिंह हत्याकांड में पांच वर्षो से जेल में बंद पूर्व विधायक संजीव सिंह ने अपने अधिवक्ता मो जावेद के मार्फत अदालत में आवेदन दायर कर अपने अधिवक्ता से एकांत में बात करने की अनुमति मांगी थी. संजीव ने अपने आवेदन में कहा है कि अदालत जेल अधीक्षक को निर्देश दे की वह अपने अधिवक्ता से एकांत में वार्तालाप कर सके या वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम के इंचार्ज को दिशा निर्देश दे की वह एक-दूसरे से बातचीत कराए. अधिवक्ता मो जावेद ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि अभियुक्त को अपने अधिवक्ता से बातचीत करने का मौलिक, संवैधानिक व लीगल अधिकार है, उसको इससे वंचित नहीं किया जा सकता है. यह मुकदमा महत्वपूर्ण स्टेज में है इसलिए अभियुक्त से गुप्त रूप से बातचीत करना जरूरी है , ताकि इस बात का पता चले कि कौन गवाह की गवाही बचाव साक्ष्य के रूप में कराई जाय साथ ही कौन दस्तावेज को प्रदर्श अंकित कराया जाए.

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अभियोजन पक्ष ने जताया विरोध

अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कुलदीप शर्मा ने कड़ा विरोध करते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह एक नयी परंपरा हो जायेगी. संजीव के अधिवक्ता ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आरजेडी सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव केस का ट्रायल पटना में चल रहा था और पप्पू यादव तिहाड़ जेल में बंद थे. उस समय सुप्रीम कोर्ट ने पप्पू यादव को उनके अधिवक्ता से वीडियो कांफ्रेंसिंग से एक घंटा बात करने की अनुमति दी थी.

मटकुरिया गोलीकांड में अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश

मटकुरिया गोलीकांड की सुनवाई मंगलवार को एमपी/एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में हुई. केस अभिलेख साक्ष्य पर निर्धारित था, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से कोई गवाह पेश नहीं किया गया. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का निर्देश देते हुए अगली तारीख निर्धारित कर दी. बता दे कि 27 अप्रैल 2011 को मटकुरिया में बीसीसीएल आवासों को अतिक्रमण मुक्त कराने गए पुलिस बल के साथ आंदोलनकारियों की हिंसक झड़प हुई थी. धनबाद के तत्कालीन एसडीओ जॉर्ज कुमार की लिखित शिकायत पर बच्चा सिंह, मन्नान मलिक समेत 38 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

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कोल कारोबारी मैनेजर राय को हाइकोर्ट से मिली जमानत

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के दामाद व शिवम हार्ड कोक के मालिक राकेश ओझा से 11 लाख रुपये रंगदारी मांगने व ब्लैकमेलिंग करने के मामले में आरोपित जेल में बंद कोल कारोबारी मैनेजर राय को मंगलवार को झारखंड हाइकोर्ट ने जमानत दे दी. उक्त जानकारी उनके अधिवक्ता शाहनवाज ने दी. 31 अगस्त को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार मिश्रा की अदालत ने मैनेजर राय की नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दी थी. प्राथमिकी के मुताबिक शिवम हार्डकोक के मालिक राकेश ओझा ने अरूप चटर्जी एवं निरसा मैथन के कोयला कारोबारी मैनेजर राय के खिलाफ गोविंदपुर थाना में 27 जून को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें 11 लाख रुपये रंगदारी मांगने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया गया था. मैनेजर राय की गिरफ्तारी 19 जुलाई की सुबह बराकर के मैथन होटल से की गयी थी.

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